कैसे होते है अश्लेषा नक्षत्र के जातक !


हिंदु धर्म में नक्षत्रो का विशेष महत्व है और इन नक्षत्रो का व्यक्ति पर भी विशेष असर पड़ता है साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि ये नक्षत्र आपके व्यक्तित्व को भी दर्शाते है इसलिए हर व्यक्ति को ये जानने की चाह होती है कि वो जिस नक्षत्र में जन्मा है वो नक्षत्र उसके व्यक्तित्व के बारें में क्या कहता है , आज हम जिस नक्षत्र के बारे में आपको बताने जा रहे है वो है अश्लेषा नक्षत्र . 

 

 नौवे नक्षत्र पर आने वाले नक्षत्र  अश्लेषा नक्षत्र जिसके बारे में आज हम आपकों बताने जा रहे है . इस नक्षत्र में जन्मे लोगों में कुछ विशेष खासियत होती है , लेकिन ऐसे नक्षत्र में जन्मे लोगो पर हमेशा राहु और बुद्ध का प्रभाव होता है , ऐसे लोग बु्द्दिमान और महत्वकांक्षी होते है , साथ ही साथ राहु का प्रभाव होने से ऐसे  लोगों को दुश्मनो से काम निकलवाना अच्छे से आता है . अश्लेषा नक्षत्र में जन्मे लोगों में   समय की नब्ज पकड़ने की क्षमता होती और अपने सामने वाले व्यक्ति को पढ़ना भी ये लोग बखूबी  जानते हैं इसलिए समय और परिस्थिति के अनुसार खुद को आसानी से ढ़ाल लेते हैं.  अपनी इस खूबी के कारण यह काफी तरक्की करते हैं लेकिन उम्र के 35वें वर्ष में इन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.  इसलिए इस उम्र में आर्थिक मामलों में इन्हें सावधान रहने की आवश्यक्ता है . हालांकि 40वें वर्ष में भाग्य फिर से इनका साथ देता है और आर्थिक नुकसान की भरपाई कर लेते हैं, ऐसे नक्षत्र में जन्मे लोग धार्मक होते है और दूसरों को भी आध्यात्मिक ज्ञान  देते हैं लेकिन अंदर से भौतिक सुख-सुविधाओं की भी इनकोगहरी ललक रहती है. इस नक्षत्र में जन्म लेने वालों की एक बड़ी खूबी यह होती है कि हमेशा किसी न किसी काम में खुद को व्यस्त रखते हैं.

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