तुलसी एक , गुण अनेक : अगर आप भी करते है तुलसी मां की पूजा तो ये नियम भी जान लीजिए

भारत एक ऐसा देश है , जहां गौवंशों के साथ -साथ पेड़ पौधों को भी पूजा जाता है , उनकी भी आराधना की जाती है . जैसे तुलसी का पौधा बाकी देशों में मात्र एक पौधा होगा , मगर यहां तुलसी को मां का दर्जा दिया गया . भारत में कोई भी पूजा तुलसी के पत्तों के बिना अधूरी मानी जाती है . तुलसी का पौधा जितना पूज्यनीय है उतना ही स्वास्थ के लिहास से लाभकारी भी है . ऐसे में घर में पूजा हो या फिर दवा में इस्तेमाल , तुलसी के पत्तों को तोड़ा जाता है .मगर बहुत ही कम लोगों को पता है कि तुलसी के पत्तों को तोड़ने के भी कुछ नियम होते हैं , अगर इन नियमों का पालन ना किया जाए तो तुलसी माता रूष्ट होती हैं . तो चलिए बताते हैं कि आखिर तुलसी के पौधे का धार्मिक महत्व क्या है और तुलसी की पत्तियों को तोड़ने के क्या होते हैं नियम -
सनातन धर्म में तुलसी की विशेष पूजा होती है. तुलसी का पौधा ज्यादातर सभी के घरों में सदियों से लगता आ रहा है।लोग इसे मां का दर्जा देकर रोज सुबह शाम इसकी पूजा करते है...जब भी घरों में कुछ विशेष कार्य होता है तो तुलसी का पूजन जरूर होता है..तुलसी को जल अर्पित करने से और आरती करने से घर में सुख शांति बनी रहती है . घर के आंगन में तुलसी की स्थापन घर में सम्पन्नता लाती है . ऐसा कहा जाता है कि आप भगवान श्री कृष्ण की पूजा बिना तुलसी पूजन के करते है तो वो अधूरी मानी जाती है, यही नहीं अगर आपको रामायण का भी ज्ञान है तो आपने सुना होगा या देखा होगा कि हुनमान जी को तुलसी से बहुत प्यार हैयय इसलिए मान्यता है कि उन्हें तुलसी दल का भोग लगाया जाता है..उनको तुलसी की माला भी पहनाई जाती है . तुलसी में जल चढ़ाने से घर में पॉजिटव एनर्जी मिलती है. पत्तो में सिंदूर लगाना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि इससे आर्थिक समस्या का समाधान होता है. तुलसी भगवान विष्णु को बेहद प्रिय होती है. पूजा के समय घर में दीपक लगाने से भी सुख और सृद्धि मिलती है.
हर रोज तुलसी की हजारों पत्तियां तोड़ी जाती हैं , घर में भी कभी चाय में काढ़ा में या कभी पूजा पाठ में तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल होता है .ऐसे में जरूरी है तुलसी जैसे पूजनीय पौधे से पत्तियां तोड़ते वक्त कुछ बातों का ख्याल जरूर रखा जाए ..तुलसी की पत्ती तोड़ने के भी नियम बताए गए हैं. हिंदू धर्म में ऐसा कहा जाता है कि तुलसी दिन में तोड़ी जाती है, रात में नहीं. तो आइए जानते हैं कि तुलसी तोड़ने के क्या नियम होते हैं?
- तुलसी को पूजा जाता है , इसीलिए उसको तोड़ना तो नहीं चाहिए , फिर जब आपको तुलसी की पत्तियां तोड़नी हो तो मंत्रों का जाप जरूर करें..ॐ सुभद्राय नम:, मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी, नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते।।, ये मंत्र पढ़ने से तुलसी तोड़ने वक्त कोई दोष नहीं लगता और तुलसी मां से माफी भी मिल जाती है
- इसके अलावा तुलसी को हाथ लगाते वक्त कभी चप्पल नहीं पहननी चाहिए .
- वहीं बात ज्योतिष शास्त्र की करें तो , तुलसी के पत्ते ब्रह्ममुहूर्त में तोड़ना शुभ माना जाता है.शाम के वक्त कभी भी तुलसी की पत्तियों को नहीं तोड़ना चाहिए .
- साथ ही साथ बिना नहाए तुलसी के पौध को हाथ नहीं लगाना चाहिए ..वहीं पहली बार में केवल 21 पत्तों को हो तोड़ा जाना चाहिए ..
- तुलसी को रविवार,एकादशी,और चंद्रग्रहण के दिन नहीं तोड़ना चाहिए। इसके अलावा बिना किसी कारण के इसे न तोड़े क्योंकि इससे दोष लगता है।
कहा जाता है कि जिस तुलसी की आप हर रोज पूजा करते हैं , उससे पत्तियां ना तोड़े तो ज्यादा बेहतर रहेगा .मगर अगर किसी आवश्यकता में ऐसा करना पड़े तो इन नियमों का पालन करे बिना कभी भी तुलसी माता को हाथ ना लगाए .
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