पूजा में आखिर क्यों इस्तेमाल की जाती है सुपारी , वजह जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे ..

सनातन धर्म में पूजा पाठ खास होती है, बड़े- बड़े यज्ञ किए जाते हैं , अनुष्ठान किए जाते हैं . घर में भी हवन , कथा या फिर रोज की पूजा होती है . ऐसे में पूजा करने के लिए बहुत सी सामग्रियों का भी इस्तेमाल होता है .  रोज की पूजा में जहां बाती , कपूर , चंदन रोली और धूपबत्ति से काम चल जाता है ,  वहीं कथा और हवन यज्ञ में बहुत सी जीचों की जरूरत होती है .  मगर इन सामग्रियों में एक चीज बहुत खास होती है , और वो होती है ,सुपारी .सुपारी का हिंदु धर्म में पूजा पाठ में विशेष महत्व है .  चाहे कोई हवन हो या पूजा सुपारी के बिना अधूरी ही मानी जाती है.कुल मिलाकर हर धार्मिक अनुष्ठान और पूजा में पान-सुपारी का उपयोग किया जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर सुपारी क्यों चढ़ाई जाती है ..अगर नहीं तो आज हम आपको सुपारी के महत्व और उसके काम के बारे में बताएंगे . 

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सुपारी के बारे में महत्व जानने जा रहे हैं , तो आपको ये जानना जरूरी है कि पूजा की सुपारी और खाने की सुपारी में अंतर होता है..पूजा में वो सुपारी नहीं इस्तेमाल की जाती है , जिसको खाया जाता है  .. पूजा की सुपारी छोटी होती है  . कहा जाता है कि पूजा के बाद इस सुपारी को  ब्राह्मण को दान कर देना चाहिए या जलधारा में प्रवाहित कर देना चाहिए

पूजा-पाठ में क्या है सुपारी का महत्व?

वहीं बात करें कि पूजा में सुपारी का क्यों इस्तेमाल होता है , तो बता दें कि शास्त्रों में सुपारी को देवताओं का प्रतीक माना जाता है... सरल शब्दों में कहें तो सुपारी में देवताओं का वास होता है... जब पूजा के समय देवताओं का आह्वान किया जाता है, तो सुपारी को देवताओं का प्रतीक मानकर पूजा में शामिल किया जाता है . 

 

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