'डायमेंड डिवोर्स' से कम होगा तलाक का गम?

NEHA MISHRA
शादी करना जितना आसान होता है उसे निभाना उतना ही मुश्किल होता है. जब दो अलग मानसिकता के लोग एक साथ रहने का फैसला करते है तो उनके बीच कई तरह के मतभेद स्वाभाविक है. लेकिन कभी- कभी पति पत्नी के बीच के मतभेद इतने बढ़ जाते है कि बात तलाक तक आ जाती है. जो कि दोनों के ही मानसिक तनाव का कारण बन जाता है. वहीं विदेशों में इस तनाव से निपटने के लिए डायमेंड डिवोर्स नाम का ट्रेंड चल रहा है.
आज कल डायमंड डिवोर्स काफी ज्यादा चर्चे में है. आपने देखा होगा कि लोग शादी में एक दूसरे को रिंग पहनाते है. लेकिन अब लोग तलाक करते वक्त भी अंगूठी पहनाने की प्रथा को शुरू कर रहे है. बता दें कि कुछ समय पहले विदेशी अभिनेत्री एमिली रताजकोस्की ने इस तरह का तलाक लिया था. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि 'मुझे नहीं लगता कि किसी भी महिला को उसे दी हुई डायमंड रिंग इसलिए नहीं पहननी चाहिए क्योंकि वो किसी शख्स से अलग हो रही है.' डायमंड डिवोर्स किसी भी कारण से लिया जा सकता है जैसे एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर, पार्टनर के बीच प्यार और केयर न होना, एक दूसरे को सम्मान न देना आदि.
इसी तरह ग्रे तलाक भी चर्चा का विषय बना हुआ है. ग्रे डिवोर्स में तलाक शादी के कई सालों बाद लिया जाता है. ऐसे तलाक में दोनों पार्टनर की उम्र करीब 40-50 साल होती है. ग्रे डिवोर्स को अक्सर बालों के सफेद होने से जोड़ा जाता है. वैसे तो ये तलाक पश्चिमी देशों में ज्यादा देखा जाता है लेकिन आजकल भारत में भी ये तलाक देखा जा रहा है.
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