डिजिटल फास्टिंग: क्यों जरूरी है फोन और स्क्रीन से दूरी, जानें फायदे और तरीका

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में डिजिटल फास्टिंग एक बेहतरीन तरीका बनकर उभरा है, जो मोबाइल, लैपटॉप, टीवी और सोशल मीडिया से कुछ समय के लिए दूरी बनाने पर जोर देता है। लगातार स्क्रीन पर समय बिताने से मानसिक तनाव बढ़ता है और रिश्तों पर भी असर पड़ता है। ऐसे में डिजिटल फास्टिंग से न केवल दिमाग को राहत मिलती है, बल्कि संबंध भी मजबूत होते हैं।
डिजिटल फास्टिंग के तहत व्यक्ति कुछ घंटों या दिनों तक मोबाइल और अन्य गैजेट्स से दूर रहता है। इससे नींद की गुणवत्ता सुधरती है, तनाव कम होता है और काम की उत्पादकता बढ़ती है। लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना युवाओं में चिड़चिड़ापन और मानसिक असंतुलन भी ला रहा है। इस आदत से छुटकारा पाने के लिए डिजिटल फास्टिंग बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है।
डिजिटल फास्टिंग के फायदे:
रिश्तों में मजबूती आती है।
मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
तनाव में कमी आती है।
प्रोडक्टिविटी बढ़ती है।
जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आता है।
कैसे करें डिजिटल फास्टिंग:
शुरुआत में रोज 1-2 घंटे स्क्रीन से दूर रहें।
हफ्ते में एक दिन 'नो फोन डे' मनाएं।
केवल जरूरी कामों के लिए ही फोन का इस्तेमाल करें।
स्क्रीन टाइम ट्रैकर ऐप्स की मदद लें।
डिजिटल फास्टिंग को अपनी दिनचर्या में शामिल कर आप मानसिक शांति के साथ एक हेल्दी लाइफ जी सकते हैं।
No Previous Comments found.