सावधान! कुत्ते के काटने से हो सकती हैं ये जानलेवा बीमारियां

भारत में हर साल लाखों लोग आवारा कुत्तों के काटने का शिकार होते हैं। आमतौर पर जब कुत्ते के काटने की बात होती है, तो सबसे पहले लोगों को रैबीज (Rabies) का डर सताता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि कुत्तों के काटने से सिर्फ रैबीज ही नहीं, बल्कि कई अन्य खतरनाक और जानलेवा बीमारियां भी फैल सकती हैं।
1. रैबीज (Rabies):
यह सबसे ज़्यादा चर्चित और खतरनाक बीमारी है जो कुत्तों के काटने से होती है। यह एक वायरल संक्रमण है जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर असर डालता है। अगर समय पर इलाज न हो, तो यह लगभग 100% मौत की ओर ले जाता है।
लक्षण: बुखार, सिरदर्द, बेचैनी, पानी से डर लगना, व्यवहार में बदलाव, पक्षाघात
उपाय: कुत्ते के काटते ही घाव को साबुन और पानी से अच्छे से धोना और फौरन एंटी-रैबीज वैक्सीन लेना ज़रूरी होता है।
2. टेटनस (Tetanus):
कुत्ते के दांतों में मौजूद बैक्टीरिया से घाव में क्लॉस्ट्रिडियम टेटानी नामक जीवाणु चला जाता है। यह नसों को प्रभावित करता है और शरीर को जकड़ देता है।
लक्षण: जबड़ा जकड़ना, मांसपेशियों में अकड़न, सांस लेने में परेशानी
उपाय: टेटनस इंजेक्शन (TT) काटने के तुरंत बाद लगवाना चाहिए, खासकर अगर घाव गहरा है।
3. कैनाइन कैपनोसाइटोफैगा संक्रमण (Capnocytophaga Infection):
यह एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण है, जो कुत्तों और बिल्लियों के थूक में हो सकता है।
जोखिम: जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, बुज़ुर्ग, या डायबिटिक मरीज़
लक्षण: बुखार, उल्टी, त्वचा पर लाल चकत्ते, ऑर्गन फेलियर
उपाय: तुरंत एंटीबायोटिक इलाज ज़रूरी है।
4. सेप्सिस (Sepsis):
अगर कुत्ते के काटे घाव से बैक्टीरिया खून में पहुंच जाए तो सेप्सिस जैसी जानलेवा स्थिति हो सकती है।
लक्षण: बुखार, तेज़ दिल की धड़कन, सांस फूलना, मानसिक भ्रम
उपाय: हॉस्पिटल में इमरजेंसी इलाज, एंटीबायोटिक्स और सपोर्टिव केयर
5. स्टैफिलोकोकस और स्ट्रेप्टोकोकस इन्फेक्शन:
कुत्तों के मुंह में कई तरह के हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं जो त्वचा में संक्रमण या फोड़े-फुंसी का कारण बन सकते हैं।
लक्षण: घाव में पस, सूजन, लालिमा, दर्द
उपाय: घाव की सफाई और डॉक्टर द्वारा सुझाई गई एंटीबायोटिक्स
सावधानी जरूरी है:
कुत्ते के काटने के बाद घाव को कम से कम 10 मिनट तक साबुन और पानी से धोएं।
फौरन नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं और रैबीज व टेटनस के टीके लगवाएं।
घाव को खुद से न छुएं, न बांधें जब तक डॉक्टर न कहें।
जानवर को पहचान सकें तो उसकी वैक्सीनेशन स्टेटस की जानकारी रखें (पालतू जानवर हो तो)।
बुखार, सूजन, कमजोरी या कोई भी असामान्य लक्षण दिखे तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
कुत्ते के काटने को कभी हल्के में न लें। सिर्फ रैबीज ही नहीं, कई और खतरनाक बीमारियों का खतरा होता है। जागरूक रहना, समय पर इलाज करवाना और सावधानी बरतना ही इन खतरों से बचने का सबसे बेहतर तरीका है।
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