जे एम एफ शिक्षण संस्था में गूंजा 'विठू नाम': देवशयनी एकादशी पर भक्ति का अद्वितीय उत्सव

डोंबिवली : पंढरपुर की आभा से गूंज उठा जे एम एफ मंडपम, जब देवशयनी एकादशी के पावन अवसर पर वहां विद्यार्थियों के रूप में साक्षात पांडुरंग और रुक्मिणी का दिव्य अवतरण हुआ। "विठू माऊली" के जयघोष और टाळ-मृदंग की गूंज से पूरा परिसर भक्तिरस में सराबोर हो गया।

विद्यार्थियों ने निभाई संतों की भूमिका

जे एम एफ शिक्षण संस्था के जन गण मन इंग्लिश स्कूल और विद्यामंदिर के छात्रों ने पारंपरिक वेशभूषा में संतों की भांति वारकरी बनकर कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में माननीय संस्थापक अध्यक्ष डॉ. राजकुमार कोल्हे, संस्थापिका सचिव डॉ. प्रेरणा कोल्हे तथा अन्य विशिष्ट अतिथियों ने विधिवत पूजा-अर्चना कर पालखी प्रस्थान सोहले की शुरुआत की।

भजन, नृत्य, नाट्य का संगम

कक्षा 3 से 5 के विद्यार्थियों ने संगीत शिक्षिका श्रीमती श्रेया कुलकर्णी के निर्देशन में ‘चंद्रभागेच्या तीरी उभा मंदिरी’ अभंग सादर किया। वहीं शिशुविहार, कक्षा 1 और 2 के छात्रों ने नृत्य शिक्षिका दीपाली सोलकर के मार्गदर्शन में ‘रिंगण सोहला’ प्रस्तुत किया। नाट्य शिक्षक श्री प्रमोद पगारे के निर्देशन में नन्हें बाल कलाकारों ने संत गोरा कुंभार पर आधारित नाटिका का सजीव मंचन किया।

संस्थापक और सचिव के उद्गार

डॉ. राजकुमार कोल्हे ने विठ्ठल के स्वरूप का सुंदर वर्णन करते हुए कहा:“विठ्ठल का रूप सावळा है, गले में तुलसी की माला, कानों में मकरकुंडल – इस सात्विक रूप को देखकर हमारा अहंकार क्षीण हो जाता है। आज यही विठ्ठल बालरूप में हमारे बीच अवतरित हुए हैं।”

सचिव डॉ. प्रेरणा कोल्हे ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को जीवन का पाठ पढ़ाते हुए कहा:“जैसे देवशयनी एकादशी से विठ्ठल निद्रा में चले जाते हैं और शेष देवगण संसार चलाते हैं, वैसे ही अगर कक्षा में नेता अनुपस्थित हो, तो भी बाकी छात्रों की जिम्मेदारी है कि वे कक्षा को अनुशासित और सहयोगी बनाए रखें।”

विठ्ठल मंदिर की झांकी और समापन

श्री नरेश पिसाट, श्री अवधूत देसाई, और श्री विठ्ठल कोल्हे द्वारा विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर की सजीव प्रतिकृति तथा तुलसी वृंदावन का निर्माण किया गया, जो आकर्षण का केंद्र रहा। अंत में, टाळ-मृदंग की ताल, विठ्ठल नाम के घोष और भक्तिभाव से भरे फुगड़ी खेल के साथ पालखी सोहला संपन्न हुआ। प्रसाद वितरण के उपरांत उपस्थित पालकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों ने एक बार फिर विठ्ठल के जयघोष के साथ इस भव्य आयोजन की समाप्ति की। 

रिपोर्टर : दिपक मोरे 

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