तुम कांवड़ लेने मत जाना, ज्ञान का दीप जलाना... और फिर गरमा उठी यूपी की सियासत

सावन के महिने की शुरूआत होने के साथ उत्तर प्रदेश की सियासत में बयान बाजीयों का दौर जारी है। कभी कांवड़ियों के लिए व्यवस्थाओं को लेकर तो कभी कावड़िया मार्ग पर खाने-पीने की व्यवस्थाओं पर लगातात यूपी की सियासत में हलचल तेज है। अब बरेली के शिक्षक डॉ. रजनीश गंगवार द्वारा स्कूल असेंबली में सुनाई गई कविता पर शुरू हुआ विवाद अब सियासी रंग पकड़ चुका है।  समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद इस मामले में दखल देते हुए डॉ. गंगवार का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है। अखिलेश यादव ने वीडियो पोस्ट करके लिखा कि जो मानवता के मार्ग पर ले जाए वही सबसे बड़ा धर्म है।

क्या कहा था डॉ. गंगवार ने?

डॉ. रजनीश गंगवार ने छात्रों से कहा, 'तुम कांवड़ लेने मत जाना, ज्ञान का दीप जलाना। कांवड़ ले जाकर कोई एसपी-डीएम नहीं बना है।' इस कविता के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कुछ हिंदू संगठनों ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया और बहेड़ी थाना क्षेत्र में शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी।

सपा का समर्थन बनाम हिंदू संगठनों का विरोध-

सपा मुखिया के समर्थन के बाद यह मुद्दा अब राजनीतिक बहस का केंद्र बन चुका है। जहां सपा इसे शिक्षक के विचारों की अभिव्यक्ति बता रही है, तो वहीं हिंदू संगठनों का आरोप है कि सावन जैसे धार्मिक माहौल में इस तरह की टिप्पणी समाज में धार्मिक विद्वेष फैलाने का काम करती है।

प्रशासन की नजर-

पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद वीडियो की फॉरेंसिक जांच और मामले की जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्कूल प्रशासन भी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई के दबाव में है। हालांकि, अब तक कोई औपचारिक निलंबन नहीं हुआ है। डॉ. रजनीश गंगवार सिर्फ शिक्षक ही नहीं, बल्कि साहित्यिक दुनिया में एक परिचित नाम है। वह भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर भी रह चुके हैं। उनकी पहचान एक संवेदनशील कवि और लेखक के रूप में है, जो सामाजिक मुद्दों पर लिखते रहे हैं।

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