डॉ देवांशी पुरवार ने बताया बच्चेदानी की गाँठ का सफल इलाज

 

डॉ देवांशी पुरवार ने बताया बच्चेदानी की गाँठ का सफल इलाज 


आज के समय में महिलाओं से जुडी तमाम बीमारियां सामने आ रही और सबसे बड़ी बात कि जानकारी के अभाव और लापरवाही के चलते कई बार छोटी समस्याएं भी बड़ा रूप ले लेती हैं। आजकल एक समस्या आमतौर पर महिलाओँ में देखी जा रही है और वो समस्या है बच्चेदानी में गाँठ और इस महत्वपूर्ण समस्या पर जानकारी के लिए हमने प्रदेश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार से खास बातचीत की तो जानिए क्या कुछ बताया इस समस्या के बारे में गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार ने--

बच्चेदानी में गांठ होने के लक्षण ...


फाइब्रॉइड्स या बच्चेदानी की गाँठ क्या है?

इस बीमारी या समस्या पर बोलते हुए  प्रदेश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार ने कहा कि बच्चेदानी की गांठ होती है, ये बच्चेदानी के ही सेल से बनती है पर ये बहुत ही कम कैंसर में कन्वर्ट हो पाती है। अमूनन ये गाँठ अधिकतर 30 साल से ऊपर की उम्र की महिलाओं में पायी जाती है


इसके लक्षण क्या क्या हैं?

इस बीमारी या समस्या पर बोलते हुए प्रदेश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार ने कहा कि मासिक धर्म के समय या बीच में भारी रक्तस्राव.पेट के निचले हिस्से या पीठ के निचले हिस्से में दर्द.बार-बार पेशाब आना, यौन संबंध बनाते समय दर्द.पेट में सूजन या भारीपन, कमजोरी,थकन और शौच के समय तकलीफ महसूस होना है।  

 

Endoscopy – Fibroid Care and Removal ...


बच्चेदानी में गाँठ का इलाज क्या है?

इस सवाल पर बोलते हुए प्रदेश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार ने कहा कि अगर छोटी फाइब्रॉइड्स या बच्चेदानी की गांठ हैं तो उसका इलाज तो दवाइयों के माध्यम से किया जा सकता है पर अगर फाइब्रॉइड्स यानि बच्चेदानी की गाँठ बड़ी हैं तो सर्जरी करनी पड़ती है जिसके लिए तमाम विधियां चलन में है।लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टॉमी इसमें सिर्फ गांठ को हटाया जाता है, जिससे महिला भी प्रेग्नेंसी प्लान कर सकती है। वहीं इसके अलावा हिस्ट्रोस्कोपी के माध्यम से भी वो भी तब जब अगर महिला आगे गर्भधारण नहीं चाहती तो गर्भाशय को पूरी तरह निकाल दिया जाता है और बच्चेदानी की गाँठ का इलाज करके महिला के जीवन को बचाया जाता है। वैसे ये समस्या जैसे जैसे महिला की उम्र बढ़ती है और उसकी माहवारी खत्म हो जाती है तो अमूनन समस्या खुद ही ख़त्म हो जाती है। कई बार हम लोग अन्य किसी कारण से भी अल्ट्रासाउंड कराने पहुँच जाते हैं तो कई बार फाइब्रॉइड्स या बच्चेदानी की गाँठ दिख जाती है। अगर ये गांठ छोटी छोटी है और इनमे कोई बड़े लक्षण नहीं है तो इनके उपचार की जरुरत नहीं है। हाँ साल में एक बार जाँच जरूर कराती रहे हैं जिससे अगर समस्या बड़ी होने लगे तो समय से उसको ठीक किया जा सके।

Laparoscopic Surgery for Fibroids ...

 

बच्चेदानी में गाँठ क्यों हो जाती है?

इस पर जानकारी देते हुए प्रदेश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार ने कहा कि वैसे ये बच्चेदानी में गांठ बनने का कोई एक कारण नहीं होता। यह समस्या ज्यादातर हार्मोनल असंतुलन, अनुवांशिक कारणों और जीवनशैली से जुड़ी होती है।  एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का असंतुलन गांठ बनने की संभावना को बढ़ा सकता है। जैसे जो महिलाएं शादी नहीं करती  हैं या जिनके बच्चे कम होते है या जिनके बच्चे ही नहीं होते अमूनन उन महिलाओं को इस समस्या से परेशान होना पड़ सकता है। इसके अलावा अनुवांशिक कारण से भी जैसे अगर परिवार में किसी महिला को फाइब्रॉइड्स हैं तो अगली पीढ़ी में भी इसकी जाने की संभावना बढ़ सकती है।असंतुलित खान-पान: ज्यादा फैट, प्रोसेस्ड फूड और रेड मीट का सेवन हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकता है। मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर रिसर्च बताती हैं कि अधिक वजन और हाई ब्लड प्रेशर का संबंध गर्भाशय की गांठ से हो सकता है। अमूनन 30 से 40 साल की उम्र के दौरान जिनकों महीने में अधिक माहवारी आ रही है तो उनको ये समस्या पैदा हो सकती है। 


इस समस्या से कैसे अपने आपको बचाया जा सकता है?

इस सवाल पर बोलते हुए  प्रदेश की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट डॉ देवांशी पुरवार ने कहा कि जैसे की मैं पहले भी बता चुकी हूँ कि यह सा,समस्या ज्यादातर हार्मोनल असंतुलन, अनुवांशिक कारणों और जीवनशैली से जुड़ी होती है तो इसके बचाव भी ऐसे ही होंगे। हालांकि इसे पूरी तरह से रोकना संभव नहीं है, लेकिन कुछ उपाय अपनाकर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है। इसके लिए आपको संतुलित आहार लेना है जिसमे आपको हरी सब्जियां, फल और फाइबर युक्त भोजन शामिल हों जिससे हार्मोनल बैलेंस बना रहता है। महिलाओं को जंक फूड से बचना है और ख़ास तौर पर ज्यादा फैट और शुगर वाले फूड्स नहीं लेना है। रोज आधे घंटे व्यायाम करते हुए तनाव से मुक्त रहना है जिससे आप इस बीमारी या समस्या से अपने आपको बहुत हद तक बचा सकती हैं।  

 

महिलाओं से सम्बंधित किसी भी समस्या के लिए संपर्क करें।

डॉ देवांशी पुरवार 
सीनियर गायनोकोलॉजिस्ट 

मोबाइल ---9874023017 

देवकी हॉस्पिटल 

अहिबरनपुर, सीतापुर रोड, लखनऊ  

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