रानीश्वर प्रखंड में खुलेआम हो रहा है अवैध कोयले से अवैध बंगला भट्टे का संचालन

दुमका : उप राजधानी दुमका के अन्तर्गत रानीश्वर प्रखंड प्रशासन के मनाही के वावजूद भी रानीश्वर थाना क्षेत्र के दर्जनों स्थानों पर भारी पैमाने पर अवैध रूप से वंगला इंट बनायी जा रही है जिसका खबर प्रकाशित के बाद भी प्रशासन चुपके साधे हुए नहीं संज्ञान । इन क्षेत्रों में बेरोक-टोक वंगला ईंट भट्टले संचालित हैं। पर्यावरण विभाग से वगैर एनओसी प्राप्त के ही धड़ल्ले से अवैध वंगला ईंट भट्टे चलाये जा रहे हैं। रंगालिया, धानभाषा , दक्षिणजोड़ , आसनवनी, विंदावनी , बिलकांदी , बांसकूली रानीश्वर एव टोगरा थाना क्षेत्र में देखा जाए तो खुलेआम बेखौफ अवैध कोयले से इन भट्टों का संचालन हो रहा है और कोई सुध लेने वाला नहीं है। ईंट भट्ठा संचालकों का हौसला बुलंद है आखिर कौन है इन भट्ठा संचालकों के पीछे, जो इतने बड़े पैमाने पर भट्ठों का संचालकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह जांच का विषय है। कहां से मिलता है संचालकों को ईंट भट्टा चलाने का आदेश । ईंट भट्ठा संचालक वगैर अनुमति के अवैध मिट्टी का उत्खनन करते हैं। नियम कानून को ताक में रखकर कृषि योग्य भूमि पर संचालित यह ईंट भट्ठे पर ईंट बनाने के लिए कृषि युक्त भूमि का मिट्टी खनन कर निकालते हैं। जिससे भूमि वंजर वनती जा रही है, जिसे देखने वाला कोई नहीं है। अगर इसी प्रकार से अवैध मिट्टी का खनन होता रहा तो आनेवाले समय में ना ही खेत बचेंगे और ना ही अनाज पैदा होगा। जो काफी भयावहता पैदा कर सकता है। बिना रजिस्ट्रेशन व बीमा के मजदूरों से मजदूरी करवा रहे हैं भट्ठा मालिक । दर्जनों ईट भट्ठे नहीं भरते है खनन चालान। दर्जनों इंट भट्ठे ऐसे हैं जो खनन चालान नहीं भरते हैं। वावजूद अफसरों की छत्र छाया में ईंट भट्ठे पनप रहे हैं । वायु प्रदूषण में हो रही है बढ़ोतरी । घड़ल्ले से वन रहे इंट भट्ठों से क्षेत्र लगातार प्रदूषित हो रहा है। वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। वहीं इसके प्रभाव से नदी-नाले भी प्रभावित हो रहे हैं। इतना ही नहीं, जंगलों का कटाव भी जारी है। कई इंट भट्ठे नदी के किनारे हे जिसे बालू आसानी से मिल जाएं। यह भी बताते चलें कि भट्टे प्रत्येक वर्ष अवैध तरिके से लगाए जाते हैं।जिन्हें देखना या जांचना कोई पदाधिकारी मुनासिब नहीं समझते हैं। जिसके कारण अवैध तरीके से संचालित ईंट भट्ठों के मालिक बेखौफ होकर इंट भट्ठों को लगाकर मोटी रकम की आमदनी करते हैं। ज्ञात हो कि उक्त सभी भट्टे बगैर अनुज्ञप्ति पत्र प्राप्त किए अवैध तरीके से संचालित हैं। जिससे सरकार को दोहरी राजस्व का नुकसान हो रहा है। आगे बता दें कि चोरी के कोयले से दर्जनों अवैध ईंट भट्टे सुलगाए जा रहे हैं,जिससे ईंट भट्टे लाल और भट्टे मालिक मालामाल हो रहे हैं। ईंट भटटों को लाल व मालिक को मालामाल करने के लिए दोपहिया मोटरसाइकिल वाहन चालकों द्वारा कोयला चोरी कर ईंट भट्ठों पर गिराया जाता है। जिस चोरी में पहरेदार यानि खाकी वाले हुजूर भी शामिल रहते हैं। जिनकी संलिप्तता के कारण अवैध रूप से संचालित ईंट भट्ठों के मालिक चांदी काटते हुए सरकारी राजस्व को भी डकारने में कामयाब हो रहे हैं। जिसे साफ तौर पर यह कहा जा सकता है कि सरकारी राजस्व की चोरी में सरकारी कर्मी ही संलिप्त हैं, जो बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण बात है। ऐसे में वरिय पदाधिकारियों द्वारा सघन जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने कीआवश्यकता है ताकि सरकार को हो रहे राजस्व का नुकसान को बचाया जा सके। उनके प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि सरकार की राजस्व का चोरी कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। प्रशासन इस पर विराम लगाएं।
रिपोर्टर : सुभंकर नंदन
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