मुक्तकंठ साहित्य समिति के तत्वावधान मे पुस्तक विमोचन समारोह संपन्न

दुर्ग : मुक्तकंठ साहित्य समिति के तत्वावधान सेक्टर 10 के इंडियन कॉफी हाउस के मल्टीपर्पस हाॅल में उनकी दो पुस्तक एक हिंदी काव्य संग्रह का विमोचन होना है। जिसका नाम फिर भी चलना होगा* एवं दूसरा बांग्ला काव्य संग्रह जिसका नाम है - कखोन जे कोन कथा कविता होये जाय।अर्थात कब कौनसी बाते कविता बन जाती है कृतिकर प्रकाश चंद्र मंडल बंगला हिंदी दोनों भाषाओं के कवि है आज इस पुस्तक विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि, साहित्य संगीत व संस्कृति प्रेमी, एवं मिलनसार व्यक्तित्व के धनी चेयरमैन - स्टील एक्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया, अध्यक्ष - अफिसर एसोसिएशन भिलाई इस्पात संयंत्र एवं महाप्रबंधक भिलाई इस्पात संयंत्र के परम आदरणीय श्री एन. के. बंछोर रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अंतर्राष्ट्रीय लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार एवं मुक्तकंठ साहित्य समिति के संस्थापक व वर्तमान अध्यक्ष गोविंद पाल ने किया। इसके अलावा मंचस्थ विशिष्ट अतिथि गणो में उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक सुपेला भिलाई के शाखा प्रबंधक अनिल कुमार , वरिष्ठ समाज सेवी, उद्योगपति व मुक्तकंठ साहित्य समिति के प्रधान संरक्षक श्री कैलाश कुमार जैन बरमेचा एवं बहुत ही ऊर्जावान व्यक्तित्व के धनि वरिष्ठ साहित्यकार, पुलिस अधीक्षक (सी आईडी) व मुक्तकंठ साहित्य समिति के महासचिव नरेंद्र कुमार सिक्केवाल तथा मुक्तकंठ साहित्य समिति के संपादक व बांग्ला तथा हिन्दी के जाने माने वरिष्ठ कवि व साहित्यकार श्री दुलाल समाद्दार रहे, इसके अलावा कृतिकार श्री प्रकाश चन्द्र मंडल भी मंच पर विराजमान रहे सर्व प्रथम कार्यक्रम की संचालन बखूबी करती हुई मुक्तकंठ साहित्य समिति के उपाध्यक्ष शीशलता शालू ने मां सरस्वती की पूजा अर्चना के लिए सभी अतिथियों से मां सरस्वती की तैल चित्र पर पुष्प माला पहनाते हुए धूप दीप प्रज्वलित करने हेतु आमंत्रित की। तत्पश्चात अतिथियों के स्वागत सम्मान की कड़ी में सबसे पहले मुख्य अतिथि श्री एन. के. बंछोर का शाल, श्रीफल, प्रतीक चिह्न व पुष्प गुच्छ से कृतिकार प्रकाश चन्द्र मंडल एवं उनकी पत्नी श्रीमती सुमीता मण्डल ने मिलकर सम्मानित किए । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गोविंद पाल का स्वागत सम्मान के लिए शाल, श्रीफल, प्रतीक चिन्ह व पुष्प गुच्छ से कृतिकार प्रकाश चन्द्र मण्डल के सुपुत्र अनुभव मंडल एवं मुक्तकंठ साहित्य समिति के उपाध्यक्ष अलोक कुमार चंदा ने किया । विशिष्ट अतिथि अनिल कुमार का सम्मान शाल, श्रीफल, प्रतीक चिह्न तथा पुष्प गुच्छ से ब्रजेश कुमार मल्लिक एवं उज्जवल प्रसन्ना ने किया। विशिष्ट अतिथि श्री कैलाश कुमार जैन बरमेचा का स्वागत व सम्मान प्रकाश चन्द्र मंडल और श्रीमती शीशलता शालू ने की । इसी कड़ी में विशिष्ट अतिथि नरेंद्र कुमार सिक्केवाल जी का स्वागत सम्मान शाल, श्रीफल प्रतीक चिह्न व पुष्प गुच्छ से छत्तीसगढ़ आस पास के संपादक श्री प्रदीप भट्टाचार्य जी एवं श्री उज्जवल प्रसन्ना ने किया। विशिष्ट अतिथि - दुलाल समाद्दार जी का स्वागत सम्मान के लिए शाल श्रीफल मोमेंटो व पुष्प गुच्छ से - अरुणा राव, श्रीमति दीपा पाल ने की। छत्तीसगढ़ आस पास के प्रधान संपादिका शेफाली भट्टाचार्य का शाल, श्रीफल, व पुष्प गुच्छ भेंटकर सुमीता मंडल एवं प्रकाश मंडल ने स्वागत किया। कृतिकार प्रकाश चन्द्र मंडल के धर्म पत्नी श्रीमती सुमीता मंडल का शाल श्रीफल से स्वागत श्रीमती दीपा पाल ने की।इसके पश्चात कृतिकार प्रकाश चन्द्र मंडल ने अतिथियों के कर कमलों द्वारा बारी बारी से दोनों पुस्तक का विमोचन करवाया। पुस्तक विमोचन के पश्चात मुक्तकंठ साहित्य समिति की ओर से कृतिकार प्रकाश चन्द्र मंडल का सम्मान मुक्तकंठ के अध्यक्ष गोविंद पाल, प्रधान संरक्षक कैलाश कुमार जैन बरमेचा, महासचिव नरेन्द्र कुमार सिक्केवाल , दुलाल समाद्दार ने मिलकर किया । इसके अलावा छत्तीसगढ़ आस पास की ओर से श्रीमती शेफाली भट्टाचार्य एवं संपादक प्रदीप भट्टाचार्य ने कृतिकार प्रकाश का शाल श्रीफल से सम्मान सम्मान किया। हिन्दू मिलन मंदिर की ओर से भी कृतिकार प्रकाश मंडल को उत्तरीय व श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। कृतिकार ने अपनी विमोचित दोनों काव्य संग्रह से पांच पांच कविताओं का वाचन किया । मंचस्थ अतिथियों के संबोधन में सर्वप्रथम मुक्तकंठ के संपादक दुलाल कृतिकार के पुस्तक से संबंधित अपना आलेख पाठ किया। इसके बाद मुक्तकंठ के महासचिव नरेंद्र कुमार सिक्केवाल ने प्रकाश चन्द्र मंडल की कृतियों पर अपनी सार गर्भित समीक्षात्मक वक्तव्य रखा। विशिष्ट अतिथि व प्रधान संरक्षक मुक्तकंठ के कैलाश कुमार जैन बरमेचा ने कृतिकार प्रकाश चन्द्र मंडल के व्यक्तित्व व कृतित्व पर अनुशंसात्मक सम्मान पत्र का वाचन करने के पश्चात कृतिकार को वह सम्मान पत्र भेंट किया। विशिष्ट अतिथि अनिल कुमार ने भी अपना सार गर्भित वक्तव्य रखा। मुख्य अतिथि नरेंद्र कुमार बंछोर ने कहा कि मुक्तकंठ साहित्य समिति द्वारा आयोजित यह कार्य बहुत ही सराहनीय है। रचना कारों को प्रोत्साहित करने के लिए उनकी कृतियों का विमोचन करवाते रहना चाहिए, इस दिशा में मुक्तकंठ साहित्य समिति निरंतर कई वर्षों से इस तरह कार्य करते हुए साहित्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं, मैं इस महति कार्य के लिए मुक्तकंठ से प्रशंसा करता हूँ। अंत में मुक्तकंठ साहित्य समिति के अध्यक्ष गोविंद पाल ने अपनी अध्यक्षीय उद्बोधन में उपस्थित सभी अतिथियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कृतिकार प्रकाश चन्द्र मंडल को बधाई दिये साथ ही साथ पुस्तक पर समीक्षात्मक टिप्पणियां करते हुए कहा कि प्रकाश चन्द्र मण्डल की दोनों काव्य संग्रह पठनीय व संग्रहणीय है। इस बीच सुप्रसिद्ध गायक देवब्रत राय ने सुमधुर आवाज में एक गीत प्रस्तुत किया उस गीत को सुनकर कमला मोटर्स और स्वदेश टीवी चैनल के नेशनल एक्सिकुटिव एडिटर कैलाश बरमेचा ने खुश होकर गायक को मुख्य अतिथि के हाथों सिल्वर मेडल पहनवाकर सम्मानित किये। दर्शक दीर्घा में उपस्थित गणमान्य गुणीजनों का सम्मान कृतिकार एवं उनके परिवार जनों ने मिलकर किया। जिनमें से प्रमुख रूप से रवीन्द्र नाथ देबनाथ, वासुदेव भट्टाचार्य, संजीव राय, दिनशा तुमने, प्रदीप कोरी, अरुणा राव, शीशलता शालू, दीपा पाल, नवेद रजा दुर्गवी, प्रदीप भट्टाचार्य, साक्षी यादव, बी. एन. सरकार,समरेन्द्र विश्वास, वेद प्रकाश, ब्रजेश मल्लिक, डाॅ नौशाद सिद्दिकी, पल्लव चटर्जी, खुशाल गुप्ता, सुशांत पोद्दार, हर्ष देवांगन, अलोक कुमार चन्दा, अनुभव मण्डल, सुमीता मंडल, उज्जवल प्रसन्नो, लक्षद्वीप डहरिया, ओमवीर करण, गुरुनाथ राव, हेमंत जगम, दबू, मनोज शुक्ला, आशीष चक्रवर्ती,नयनिका, सुरेश साथ में मीडिया से दीपमाला सिन्हा लोकेश साहू भारती कौर राशि मिश्रा सुखांत आदि अंत में मुक्तकंठ साहित्य समिति के संरक्षक श्री ब्रजेश कुमार मल्लिक ने उपस्थित सभी अतिथियों को मीडिया कर्मियों को तथा सभी दर्शकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
रिपोर्टर : धर्मेन्द्र
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