विश्व हृदय दिवस : अब 30 की उम्र में भी बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा

दुर्ग - कभी हार्ट अटैक को बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब यह तेजी से युवाओं पर भी कहर ढाने लगा है। विश्व हृदय दिवस 2025 पर आरोग्यम सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आकाश बख्शी ने चेतावनी दी कि भारत में हर चौथा व्यक्ति किसी न किसी रूप में हृदय रोग से जूझ रहा है और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। चिंता की बात यह है कि अब 30 से 40 वर्ष की उम्र में ही हार्ट अटैक के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में हर साल करीब 19.8 मिलियन लोग दिल की बीमारियों के कारण जान गंवाते हैं। यह कुल मौतों का लगभग 32% है। इनमें से 85% मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी अचानक होने वाली घटनाओं से होती हैं। पिछले 30 वर्षों में दिल की बीमारियों से मौतें लगभग 60% बढ़ चुकी हैं। भारत की तस्वीर और भी डरावनी है। यहां हर साल करीब 28-29 लाख मौतें हृदय रोगों से होती हैं। कुल मौतों में से लगभग 27% मौतें सिर्फ दिल की बीमारियों के कारण हैं। 40 से 69 साल की उम्र वालों में होने वाली हर दूसरी मौत किसी न किसी रूप में हृदय रोग से जुड़ी होती है। सबसे चिंता की बात यह है कि अब यह बीमारी युवाओं को भी नहीं छोड़ रही। न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक  2020 से अब तक भारत में हुए हार्ट अटैक के 45% मरीज 40 साल से कम उम्र के रहे। केरल में हुए एक बड़े अध्ययन में पाया गया कि हर पांचवें हार्ट अटैक मरीज की उम्र 50 साल से कम थी। इंडियन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार अब लगभग 25-30% हार्ट अटैक मरीज 30-40 साल की उम्र के हैं। यानी कॉलेज पास करने और करियर बनाने की उम्र में ही दिल थकने लगा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बदलती जीवनशैली है। असंतुलित खानपान, जंक फूड, धूम्रपान-शराब जैसी बुरी आदतें, तनाव और शारीरिक सक्रियता की कमी – ये सब मिलकर दिल को समय से पहले बूढ़ा बना रहे हैं। नींद पूरी न करना और रोजमर्रा के दबावों को अनदेखा करना भी इस खतरे को और बढ़ा रहा है। डॉ.बख्शी कहते हैं कि अगर समय रहते सतर्कता बरती जाए तो खतरे से बचा जा सकता है। रोजाना कम से कम आधा घंटा व्यायाम करना, ताजे फल-सब्जियों को भोजन में शामिल करना, फास्ट फूड से दूरी बनाना और नियमित स्वास्थ्य जांच कराना दिल को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकता है। पर्याप्त नींद और सकारात्मक सोच भी उतनी ही जरूरी है। हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षणों को कभी नजरअंदाज न करें। सीने में दबाव या दर्द,अचानक पसीना और घबराहट, सांस फूलना, जबड़े या कंधे में दर्द और चक्कर आना – ये सभी संकेत तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की मांग करते हैं। थोड़ी सी देरी भी जिंदगी पर भारी पड़ सकती है।

रिपोर्टर - धर्मेंद्र गुप्ता

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