स्पाइनल इंजरी पर कार्यशाला में विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण सीख
दुर्ग : इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपी विमेन सेल (IAPWC) दुर्ग-भिलाई और जीटी डायग्नोस्टिक्स द्वारा “स्पाइनल इंजरीज़ एट डिफरेंट लेवल्स एंड रिहैबिलिटेशन हैंड्स-ऑन” विषय पर एक अत्यंत उपयोगी, ज्ञानवर्धक और इंटरएक्टिव कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ न्यूरो फिजिशियन डॉ. नचिकेत दीक्षित ने दीप प्रज्वलन कर की। उन्होंने रीहैबिलिटेशन की बढ़ती आवश्यकता और फिजियोथेरेपी क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के महत्व पर संक्षिप्त संबोधन भी दिया। कार्यशाला में अमेरिका से न्यूरो रिहैबिलिटेशन में पीएचडी डॉ. सोनिया रावल ने विभिन्न स्तरों पर होने वाली स्पाइनल इंजरी की जटिलताओं, आधुनिक उपचार पद्धतियों और हैंड्स-ऑन तकनीकों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। प्रतिभागियों ने उनके सेशन को अत्यंत उपयोगी बताया। इसके बाद प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन डॉ. राजेन तिवारी ने “एमआरआई स्पाइन फॉर फिजियोथेरेपिस्ट्स” विषय पर प्रायोगिक और क्लिनिकल दृष्टिकोण से समझाया, जिससे फिजियोथेरेपिस्ट्स को मरीजों के निदान और उपचार योजना को बेहतर समझने में मदद मिली।
कार्यक्रम को सफल और सुव्यवस्थित बनाने में डॉ. क्षिप्रा पाटणकर, डॉ. श्वेता देशलहरा, डॉ. नेहा बत्रा, डॉ. स्वाति जैन, डॉ. बसंत भारद्वाज और डॉ. हर्ष मोतिरामनी का विशेष सहयोग रहा। कार्यशाला में 50 से अधिक फिजियोथेरेपिस्ट्स ने सक्रिय भागीदारी दर्ज की और विशेषज्ञों से सीधे संवाद का अवसर पाया। पूरा आयोजन डॉ. रुचि वर्षिने, डॉ. संजीव झा और डॉ. गरिमा तिवारी के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
रिपोर्टर : धर्मेंद्र गुप्ता


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