एकादशी व्रत: वैज्ञानिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ
एकादशी, संस्कृत में ‘एक’ + ‘दश’ यानी महीने का 11वां दिन, भारत में भक्ति और साधना का महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह दिन नई और पूर्ण चंद्रमा से गिनकर आता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
एकादशी के दिन वायुमंडलीय दबाव सबसे कम होता है।
इस समय व्रत करने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है, लीवर और आंतें डिटॉक्स होती हैं।
व्रत से चयापचय सुधरता और प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
शारीरिक लाभ
- वजन नियंत्रण और संभावित वजन घटाना।
- शरीर का पुनरुज्जीवन और ऊर्जा स्तर बढ़ाना।
आध्यात्मिक लाभ
- मानसिक शांति और आत्मा की शुद्धि होती है।
- भक्ति और ईश्वर से संबंध गहरा कटा है।
- इच्छाओं और आवेगों पर नियंत्रण विकसित करता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
- मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता बढती है।
- माइंडफुलनेस और आत्म-जागरूकता में सहयोग करता है।
- भावनात्मक संतुलन और सहनशीलता बढती है।
एकादशी व्रत सिर्फ धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि शरीर, मन और आत्मा के लिए वैज्ञानिक रूप से लाभकारी है। यह दिन डिटॉक्स, मानसिक स्पष्टता और आध्यात्मिक विकास का अवसर देता है।


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