लखनऊ में बिजली निजीकरण के खिलाफ हज़ारों कर्मचारी सड़कों पर

उत्तर प्रदेश में लगातार बिजली के निजीकरण का विरोध हो रहा है...वहीं आज प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बिजली वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने व्यापक आंदोलन की शुरुआत कर दी है। आपको बता दें आज, 2 जुलाई 2025 को, लखनऊ में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के खिलाफ हजारों बिजली कर्मचारी सड़क पर उतर आए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि निजीकरण का टेंडर जारी किया गया तो वे अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार और जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स (NCCEE) ने पूरे देश में बिजली कर्मचारियों से जिलों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन की अपील की है..उपभोक्ता परिषद ने यूपी विद्युत नियामक आयोग को शिकायत की है कि मूल्यांकन प्रक्रियाएँ पूरी नहीं की गईं, जिससे निजीकरण महंगा हो सकता है और इससे जनता को परेशानी होगी
बता दें मई में उन्होंने 29 मई से अनिश्चितकालीन बहिष्कार की घोषणा की थी, लेकिन गर्मी और उपभोक्ताओं को परेशानी न हो, इस कारण वह स्थगित कर दी गई थी। हालांकि विरोध और असहयोग कार्य जारी हैं..अप्रैल–मई में कई चरणों में प्रदर्शन, अनशन, बाइक रैली, कार्य बहिष्कार, ज्ञापन सौंपना जैसे आंदोलनों का आयोजन किया गया था...
वहीं जुलाई के पहले या दूसरे हफ्ते में सरकार निजीकरण के लिए टेंडर जारी कर सकती है...9 जुलाई 2025 को बिजली कर्मचारियों का एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी टोकन हड़ताल प्रस्तावित है, जो पहले 2 जुलाई को चेतावनी प्रदर्शन के साथ शुरू हुआ..
सरकार यदि कोई भी निजीकरण टेंडर जारी करती है, तो कर्मचारियों ने स्पष्ट चेतावनी दे रखी है कि वे जेल भरो आंदोलन और अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर देंगे। इसके साथ ही, उपभोक्ता परिषद न्यायिक माध्यम से भी चुनौती दे सकती है।
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