आषाढ़ माह के दूसरे शनिवार को शनिचर की जात और बड़े मियां छोटे मियां की जात के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही

एटा : जलेसर में आषाढ़ माह के दूसरे शनिवार को शनिचर की जात और बड़े मियां छोटे मियां की जात के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। पुलिस और प्रशासन ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े इंतजाम किए हैं। वाहनों को शहर के बाहरी इलाकों में ही रोक दिया गया है, जिससे जात स्थल पर जाम न लगे। इसके चलते श्रद्धालुओं को खेतों और बागों में रुकने को मजबूर होना पड़ रहा है।

पुलिस और प्रशासन की व्यवस्थाएं:

- जात स्थल पर फर्नीचर और प्रसाद सामग्री की दुकानें नहीं लगने दी जा रही हैं।
- बड़े मियां दरगाह के 200 मीटर की दूरी पर दुकानें लगाई गई हैं।
- जात करने वाली सीमा रेखा दूरी के मध्य ई-रिक्शा को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
- बाजारों में लग रहे अतिक्रमण को भी हटवा दिया गया है।
- जात स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और इसकी मॉनिटरिंग कोतवाली से की जा रही है।

श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया:

आने वाले श्रद्धालु पुलिस और प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था की प्रशंसा कर रहे हैं। उन्हें थोड़ी असुविधा तो हो रही है, लेकिन अश्लील हरकतें, जेब कटी और अपमानजनक स्थिति से निजात मिल गई है।
जलेसर में शनिचर के दिन भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। कोतवाली पुलिस ने बड़े मियां दरगाह के सामने पुलिस सहायता केंद्र बनाया है, जहां वरिष्ठ उप निरीक्षक और पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने चिकित्सा सुविधा केंद्र स्थापित किया है, जहां दो चिकित्सा अधिकारी और अन्य कर्मचारी 24 घंटे तैनात रहेंगे।

पुलिस सहायता केंद्र की विशेषताएं:

- वरिष्ठ उप निरीक्षक और पुलिसकर्मियों की तैनाती
- श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सहायता के लिए विशेष व्यवस्था

चिकित्सा सुविधा केंद्र की विशेषताएं:

- दो चिकित्सा अधिकारी और अन्य कर्मचारियों की 24 घंटे तैनाती
- दवाओं की उपलब्धता
- श्रद्धालुओं को चिकित्सा सुविधा प्रदान करना

इन व्यवस्थाओं के माध्यम से पुलिस और प्रशासन का उद्देश्य श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुविधाजनक अनुभव प्रदान करना है। जलेसर में शनिचर के दिन होने वाली शनिचरा की जात के लिए हजारों श्रद्धालु एक दिन पूर्व देर शाम को दीप जलाकर, अगरबत्ती जलाकर और पूजा-अर्चना करते हैं। यह एक पारंपरिक और धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें श्रद्धालु अपनी आस्था और भक्ति का प्रदर्शन करते हैं। दीप जलाने और पूजा-अर्चना करने से श्रद्धालुओं को शांति और आध्यात्मिक अनुभव होता है।

शनिचर की जात एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जिसमें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इस आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा विशेष इंतजाम किए जाते हैं।

शनिचर की जात के दौरान श्रद्धालुओं की भावनाओं और आस्था का सम्मान करना महत्वपूर्ण है। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक एकता और सामुदायिक भावना का भी प्रतीक है।
 जलेसर में शनिचर के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और भीषण गर्मी को देखते हुए नगर के व्यापारियों और नगर पालिका परिषद ने ठंडे और मीठे पेयजल की व्यवस्था की है। नगर में दर्जनों स्थानों पर यह व्यवस्था की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को गर्मी से राहत मिल सके और उन्हें असुविधा न हो।

पेयजल व्यवस्था के लाभ:

- श्रद्धालुओं को गर्मी से राहत मिलेगी।
- श्रद्धालुओं को असुविधा नहीं होगी।
- नगर के व्यापारियों और नगर पालिका परिषद की ओर से यह एक सराहनीय पहल है।

इस तरह की व्यवस्थाएं श्रद्धालुओं के लिए बहुत ही सहायक होती हैं और उन्हें अपने धार्मिक अनुष्ठानों को सुचारु रूप से पूरा करने में मदद मिलती है।

रिपोर्टर : लखन यादव

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