विजयादशमी पर युवराज अंबरीश पाल सिंह ने दिलाया राजपूतों को एकता का संदेश

एटा : विजयादशमी के शुभ अवसर पर एटा जनपद की ऐतिहासिक अवागढ़ रियासत का किला एक बार फिर भव्य दशहरा दरबार का साक्षी बना। युवराज अंबरीश पाल सिंह की ओर से आयोजित इस दरबार ने न केवल प्राचीन परंपराओं को जीवित रखा बल्कि सांस्कृतिक धरोहर की झलक भी पेश की।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के सेवा प्रमुख ओमप्रकाश सिसौदिया मौजूद रहे।

परंपरा और संस्कृति का अनूठा संगम

अवागढ़ किले में दशहरा दरबार की परंपरा सदियों पुरानी है। राजपूत गौरव और परंपराओं को संजोते इस आयोजन में इस बार भी हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। राजस्थानी लोक कलाकारों ने गीत-संगीत और नृत्य से वातावरण को उल्लासमय बना दिया।

केसरिया पगड़ी और पारंपरिक नृत्य

केसरिया पगड़ी बांधे महिला-पुरुषों की भीड़ ने दरबार की शान बढ़ा दी। राजपूती शौर्य और संस्कृति का परिचय कराते हुए पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसे देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे।

युवराज का संदेश : एकता और संगठन की राह पर चलें

युवराज अंबरीश पाल सिंह ने कहा – "अवागढ़ किले में दशहरा दरबार की परंपरा सदियों पुरानी है। यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, हमारी अस्मिता और एकता का प्रतीक है।"

उन्होंने उपस्थित जनसमूह से राजपूत समाज को संगठित और एकजुट रहने का आह्वान किया। साथ ही आरएसएस की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण में संघ की अहम भूमिका रही है और आगे भी रहेगी। इस अवसर पर हजारों लोग मौजूद रहे जिन्होंने विजयादशमी परंपरा का उल्लासपूर्वक आनंद उठाया।

रिपोर्टर : लखन यादव

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