राहत रानी अवंतीबाई मेडिकल कॉलेज में शुरू हुई कैंसर जांच सुविधा

एटा : लोगों के लिए बड़ी राहत अब कैंसर जैसी घातक बीमारी की जांच के लिए दिल्ली या मुंबई जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एटा मेडिकल कॉलेज में कैंसर जांच की अत्याधुनिक सुविधा शुरू हो गई है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. बलबीर सिंह के निर्देशन में साइटोलैब (Cytolab) की स्थापना की गई है, जहां एफएनएसी (FNAC) तकनीक के माध्यम से कैंसर की जांच की जा रही है।

साइटोलैब की इंचार्ज डॉ. अंकिता शर्मा ने जानकारी दी कि एफएनएसी तकनीक द्वारा शरीर के किसी भी हिस्से में पाई जाने वाली गांठ से सैंपल लेकर माइक्रोस्कोपिक जांच की जाती है, जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि गांठ सामान्य है या कैंसरग्रस्त।
पहले यह जांचें दिल्ली या मुंबई जैसे बड़े शहरों में ही संभव थीं, लेकिन अब यह सुविधा एटा मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है।

डॉ. अंकिता शर्मा ने बताया कि—“साइटोलैब में प्रतिदिन 15 से 20 मरीज जांच कराने आ रहे हैं। अब एटा की जनता को कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। शुरुआती अवस्था में कैंसर का पता चलने पर इसका इलाज पूरी तरह संभव है।”

उन्होंने बताया कि हाल ही में एक 12 वर्षीय बच्ची के स्तन में गांठ की जांच में कैंसर की पुष्टि हुई। बच्ची की मां भी कैंसर से पीड़ित थीं और उनकी मृत्यु इसी बीमारी से हुई थी। वहीं, एक 60 वर्षीय बुजुर्ग के गले में सूजन की जांच में भी कैंसर पाया गया।
यह दोनों मामले इस बात के उदाहरण हैं कि शुरुआती जांच से गंभीर बीमारी की पहचान संभव है।

डॉ. अंकिता शर्मा ने बताया कि अब महिलाओं के लिए सर्वाइकल कैंसर की जांच हेतु पैप स्मीयर टेस्ट (Pap Smear Test) की सुविधा भी शुरू कर दी गई है। “यह टेस्ट महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि इससे सर्वाइकल कैंसर की पहचान शुरुआती अवस्था में ही हो जाती है और समय रहते इलाज किया जा सकता है,” उन्होंने बताया।

साइटोलैब में बच्चों की गर्दन में पाई जाने वाली गांठों की भी जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह सामान्य है, ट्यूबरक्लोसिस है या कैंसर।
यदि गांठ टीबी से जुड़ी है तो रेजिस्टेंट (दवा प्रतिरोधी) होने से पहले ही उपचार शुरू किया जा सकता है।

डॉ. अंकिता शर्मा ने अपील की-“यदि शरीर में कहीं भी गांठ, सूजन या असामान्य परिवर्तन दिखे तो तुरंत जांच कराएं। कैंसर का इलाज तभी सफल है जब इसका पता समय रहते चल जाए।”

एटा मेडिकल कॉलेज की यह उपलब्धि जनपद के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में एक ऐतिहासिक कदम है। अब कैंसर जैसी घातक बीमारी की जांच और प्रारंभिक उपचार एटा में ही संभव है — जो निस्संदेह जनता के लिए एक बड़ी सौगात और जीवन रक्षक पहल है।

रिपोर्टर - लखन यादव

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