16 फरवरी को दिव्य तीर्थ शांति जिनायतन सन्मति धाम का भव्य भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया जायेगा

एटा :   शिलान्यास समारोह 16 फरवरी प्रातः 9 बजे किया जाएगा जिसमे प्रभावना ट्रस्ट रजि एवं सकल दिगंबर जैन समाज एटा द्वारा तैयारी चल रही है। इस आयोजन मे शामिल होने के लिए देश भर से हजारो गुरूभक्त आने की सम्भावना है। परम पूज्य जिनायतन पंथ प्रवर्तक भावलिंगी संत श्रमणाचार्य आचार्य श्री विमर्श सागर जी मुनिराज के दिव्य मंगल आशीर्वाद एवं पावन सानिध्य से बनने जा रहा है। जिनागम पंथ प्रभावना ट्रस्ट की अध्यक्षा श्री मति शशि जैन फफोतू द्वारा बताया गया की यह जिनमंदिर प्रभु श्रीराम मंदिर अयोध्या की तरह नागर शैली में लाल पत्थर द्वारा भव्य एवं सुन्दर मन्दिर का निर्माण किया जाएगा जैन धर्म के सोलहवे तीर्थंकर श्री शांतिनाथ भगवान की अखंड पाषाण से निर्मित 25 फुट ऊंची उत्तरी भारत की प्रथम एवं प्राचीन जिन प्रतिमा विराजमान की जाएगी एवं तीर्थंकर कुंथुनाथ एवं अरनाथ की 21 फुट ऊंची जिन प्रतिमाएं भी विराजमान की जाएगी साथ ही इस भव्य मंदिर में सर्वतोभद्र चौबीस मंदिरो की मनोहरी रचना की जाएगी यह भव्य मंदिर लगभग 100 फुट चौड़ा 136 फूट लम्बा एवं 91 फिट ऊंचा होगा इस प्राचीन मंदिर के कोशो दूर से दर्शनार्थीयो को रोमांचित करने वाला यह सम्पूर्ण मंदिर सिर्फ पत्थर द्वारा निर्मित होगा इस मंदिर की खास बात है कि मंदिर निर्माण मे लोहे या किसी भी अन्य धातु का उपयोग नही किया जाएगा इस मंदिर निर्माण के लिए गुजरात के आर्किटेक की एक विशेष टीम द्वारा इस भव्य मंदिर की अद्भुत संरचना के लिए विशेष रूप से प्लान तैयार किया जा रहा है। 136 कलामय स्तंम्भो के ऊपर यह संपूर्ण मंदिर खड़ा किया जाएगा एवं 51 फीट ऊंचा मूल शिखर 31 फीट ऊंचा  सामरन मंडप एवं 21 फीट ऊंची श्रंगार चौकी का निर्माण किया जाएगा इस मंदिर की दीवालो पर जैन दर्शन के अनेक प्रतीको सहित महापुरुषों के जीवन का वृत्त जीवत चित्रण किया जाएगा जो आगामी पीढ़ी के लिए प्रेरक होगा मंदिर के सामने 51 फुट ऊंचा विशाल मानस्तंभ निर्मित होगा जिसमे चारो तरफ जिनेन्द्र भगवान की मूर्ति विराजमान होगी एवं संपूर्ण क्षेत्र परिसर में साधु-संतो के साधना योग्य आचार्य विराग सागर संत निलय का भी निर्माण किया जाएगा जिसमे एटा नगर के गौरव फफोतू में जन्मे आचार्य सन्मति सागर जी महामुनिराज एवं जलेसर के समीप  कोसमा में जन्मे वात्सल्य रत्नाकर आचार्य श्री विमल सागर जी महामुनिराज के भी भव्य गुरू मंदिरो का भी निर्माण कार्य किया जाएगा जन्म - भूमि की वंदना करने आने वाले यात्रीगण के ठहरने की सर्व सुविधा युक्त एक भव्य धर्मशाला का भी निर्माण होगा एवं अध्ययन के लिए एक विशाल ग्रंथालय भी स्थापित होगा इसके अलावा परिसर मे प्रवचन सभागार श्रमण आहार शाला एवं सुन्दर गार्डन, एवं बच्चो की शिक्षा के लिए गुरुकुल एवं आरोग्यधाम ( ओषधालय ट्रामा सेंटर ) का निर्माण भी शामिल है।

रिपोर्टर : वैभव वार्ष्णेय 

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