EVM से क्या है विपक्ष को दिक्कत

पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव खत्म हो चुका है . नतीजे भी सामने आ गये . अब बस देरी है तो सीएम फेस के एलान की . बता दें पांच में से 3 राज्यों में भाजपा ने अपनी जीत दाखिल की है . लेकिन विपक्ष में खड़ी कांग्रेस पार्टी ने अपने वो दो राज्य गवां दिए जहां उसके जीतने की उम्मीद थी . औऱ अपनी इस करारी हार के बाद हर बार की तरह विपक्ष ने इस बार भी EVM के घोटाले की बात कही है.. और EVM के हैकिंग की बात पर बहस शुरू हो चुकी है ..आइये बताते है विस्तार से .
मध्य प्रदेश में भाजपा ने 163 सीटें अपने नाम की हैं. वहीं कांग्रेस को राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 66 पर ही जीत मिल सकी. भारतीय जनता पार्टी की इस जीत के बाद कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने EVM पर सवाल करना शुरू किया है
क्या प्रोफेशनल हैकर्स को कंट्रोल करने दें लोकतंत्र?
नतीजे आने के दो दिन बाद सुबह-सुबह दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर EVM पर सवाल उठाया , "ऐसी कोई भी मशीन जिसमें चिप लगी हो वो हैक की जा सकती है. मैं साल 2003 से ही EVM से मतदान कराए जाने के खिलाफ रहा हूं." कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ने आगे सवालिया लहजे में कहा, "क्या हम भारतीय लोकतंत्र को प्रोफेशनल हैकर्स द्वारा कंट्रोल किया जाने दे सकते हैं?"
दिग्विजय सिंह ने इस सवाल को वो बुनियादी सवाल बताया है, जिसपर सभी राजनीतिक दलों को विचार करना चाहिए. इसी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भारतीय निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट से भी सवाल करते हुए कहा कि क्या वो भारत के लोकतंत्र को बचा सकते हैं?
'पोस्टल बैलेट में कांग्रेस को मिले बीजेपी से ज्यादा वोट'
इससे पहले दिग्विजय सिंह ने सोमवार को ट्वीट्स की एक सीरीज में पोस्टल बैलेट के द्वारा मिले मतदानों की जानकारी साझा की थी. पोस्टल बैलेट के जरिए पड़ने वाले मतों में ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस पार्टी को बीजेपी से ज्यादा वोट मिले हैं. इसपर दिग्विजय सिंह सवाल करते हुए कहा कि अगर जनता वही है तो EVM और पोस्टल बैलेट के वोटिंग पैटर्न में इतना अंतर कैसे आ गया.
दिग्विजय सिंह ने पोस्टल बैलेट के नतीजों की जानकारी देते हुए लिखा, पोस्टल बैलेट के जरिए हमें यानी कांग्रेस को 199 सीटों पर बढ़त है, जबकि इनमें से अधिकांश सीटों पर EVM काउंटिंग में हमें मतदाताओं का पूर्ण विश्वास न मिल सका. पूर्व मुख्यमंत्री ने इसी के साथ लिखा, "यह भी कहा जा सकता है कि जब तंत्र जीतता है तो जनता (यानी लोक) हार जाती है."
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