कुमार सौरव, गुंजन और लक्ष्मीकांत पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज

फतेहपुर : मीडिया इंडस्ट्री में अपनी झूठी और धोखाधड़ी करने की छवि बनाने वाले दंपत्ति कुमार सौरव और उनकी पत्नी गुंजन के साथ ही उनके मैनेजर लक्ष्मीकांत शर्मा व अन्य अज्ञात के विरुद्ध धोखाधड़ी, जालसाजी तथा अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हो गया है। ये मुकदमा एसीजेएम कोर्ट नंबर 1 फतेहपुर के निर्देशन पर दर्ज किया गया है। बताते चलें कि तहरीर के मुताबिक नूर अहमद सिद्दीकी उर्फ़ शीबू खान ने अपने विद्वान अधिवक्ता जावेद खान के माध्यम से कोर्ट में उपस्थित होकर बताया कि प्रार्थी द्वारा एक न्यूज़ चैनल का संचालन डिजिटल मीडिया पर किया जा रहा है जिसको जियो टीवी आदि पर लाने के लिए जेनेसिस ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर कुमार सौरव एवं गुंजन के संपर्क में आये और उन्होंने बताया कि मीडिया क्षेत्र में वो कई वर्षों से काम कर रहे हैं जहाँ से कई न्यूज़ चैनलों का संचालन हो रहा है और जिओ टीवी सहित हर प्लेटफॉर्म पर वो चैनल लिस्टेड करवाकर देते हैं इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उनकी एक कंपनी वर्किंग जर्नलिस्ट मीडिया कॉउन्सिल जो भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के डिजिटल मीडिया विंग में बतौर सेल्फ रेगुलेटरी बॉडीज (एसआरबी) में पंजीकृत है जिससे वो हर डिजिटल चैनल को लाइसेंस देते हैं। विश्वास के रूप में देखा गया कि उनकी उक्त वर्किंग जर्नलिस्ट मीडिया कॉउन्सिल सूचना प्रसारण मंत्रालय के आधिकारिक वेबसाइट पर दर्ज है उनके चेयरपर्सन कुमार सौरव के नाम डिजिटल मीडिया डिवीज़न में नियुक्त डिप्टी सेक्रेटरी अमरेन्द्र सिंह के नाम से लेटर भी जारी है जो सरकारी वेबसाइट पर अपलोड भी है। इसी आधार पर विश्वास करते हुए चैनल के नाम पर साढ़े चार लाख रुपये नगद और हर प्रकार के छोटे - बड़े ट्रांजेक्शन को मिलाकर एक लाख उनहत्तर हजार रुपये से ज्यादा कुमार सौरव एवं गुंजन तथा उनके मैनेजर लक्ष्मीकांत शर्मा के भेजे गए क्यू आर कोड / स्कैनर पर पैसे भेजे गए जोकि कुल छः लाख उन्नीस हजार पाँच सौ रुपये दिए गए बावजूद इसके चैनल जिओ टीवी आदि पर नहीं चला जबकि कुमार सौरव द्वारा 9 विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर चैनल चलवाने का वायदा किया गया था। इतना ही नहीं 3 लाख रुपये का सरकारी विज्ञापन दिलाने के नाम पर एडवांस में कमीशन लिया और तीन वीडियो विज्ञापन के रूप में देकर सूचना प्रसारण मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन के वर्क आर्डर (कार्यादेश) की कपय भी दी जो कूटरचित थी जिसमें डिप्टी डायरेक्टर अनुराग जैन के नाम पर फर्जी साइन की गयी थी। आखिरकार भारत सरकार का फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज भी कुमार सौरव ने अपने हाथ से फर्जी हस्ताक्षर करके दिया जो गंभीर अपराध है। कार्यालय में जाकर पैसे मांगों तो धमकाते और जान से मारने की धमकी देते हैं और फोन करो तो जवाब नहीं देते थे जब ज्यादा कॉल या मैसेज करो तो व्हाट्सअप कॉल पर गाली - गलौज व अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते थे। इसी प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा थाना सुल्तानपुर घोष को मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश दिया जिसके उपरांत 20 अप्रैल 2025 को स्थानीय थाना पर कुमार सौरव, गुंजन और मैनेजर लक्ष्मीकांत शर्मा के विरुद्ध आईपीसी की धारा 406, 419, 420, 467, 468, 504 एवं 506 में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस प्रकरण में वादी के अधिवक्ता जावेद खान ने कहा कि पीड़ित के साथ ठगी एवं धोखाधड़ी करने वाले जालसाजों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी और इनके द्वारा संचालित की जा रही प्राइवेट कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड कराये जाने हेतु मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोरेट अफेयर्स के साथ ही सूचना प्रसारण मंत्रालय एवं गृह मंत्रालय को भी इनकी करतूत और एफआईआर की कॉपी भेजी जाएगी ताकि भविष्य में किसी और को इन सालसाज़ों से ठगी का शिकार न होना पड़े। बताना जरुरी होगा कि कुमार सौरव का डायरेक्टर आइडेंटिफिकेशन नंबर (डिन नंबर) - 07878524 है जिसके तहत 5 कंपनी रजिस्टर्ड हैं जोकि जेनेसिस ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड (2017), जेनेसिस मीडिया नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड (2020), वर्किंग जर्नलिस्ट मीडिया कॉउन्सिल (2021), जेनवेदा लाइफ साइंसेस प्राइवेट लिमिटेड (2024) हैं जिनमें कुमार सौरव और उनकी पत्नी गुंजन, जिनका डिन नंबर - 07878506 है और ये भी हर कंपनी में डायरेक्टर हैं इसके अलावा कुमार सौरव न्यूजएक्सप्रेस ब्राडकास्टिंग इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (2024) में बतौर एडिशनल डायरेक्टर नामित हैं। यकीनन इनके द्वारा हर कंपनी की आड़ में ठगी, धोखाधड़ी, जालसाजी जैसे कई गलत काम होते होंगे जिनको ब्लैक लिस्टेड किया जाना अनिवार्य है।

रिपोर्टर : शहंशाह आब्दी 
 

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