करबला के शहीदों की याद में अंजुमन कमेटी सुल्तानपुर घोष द्वारा बांटा गया शरबत

फ़तेहपुर : आज से लगभग 1400 साल पहले हक़ और बातिल की लड़ाई जो करबला में हुई थी, जहां इस्लाम धर्म के पैगम्बर मोहम्मद साहब (स० अ०) के नवासे हज़रत इमाम हुसैन ने अपने  घर - घराने और अन्य साथियों सहित 72 लोगों की कुर्बानी देकर इस्लाम बचाया था यहां तक कि इमाम हुसैन ने इस्लाम को बचाने के लिए अपने 6 महीने के बेटे अली असगर को भी कुर्बान कर दिया आज मुहर्रम में उनकी याद में ताजिया उठाया जाता है। उन्हीं 72 शहीदों की याद में अंजुमन कमेटी सुल्तानपुर घोष के नव युवकों ने इजुरा मोड़ पर लंगर के रूप में शरबत का वितरण करते हुए राहगीरों को शरबत पिलाया।

रिपोर्टर : शहंशाह आब्दी 

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