"प्लेन क्रैश में सब राख हो जाता है, पर ब्लैक बॉक्स क्यों रहता है सलामत?"

ब्लैक बॉक्स असल में दो हिस्सों वाला उपकरण होता है:
CVR (Cockpit Voice Recorder) – कॉकपिट की बातचीत रिकॉर्ड करता है
FDR (Flight Data Recorder) – विमान के तकनीकी डाटा को रिकॉर्ड करता है (जैसे ऊंचाई, गति, इंजन की स्थिति आदि)
इन दोनों को मिलाकर ही "ब्लैक बॉक्स" कहा जाता है, और मज़े की बात ये कि यह काला नहीं, बल्कि नारंगी रंग का होता है — ताकि मलबे में आसानी से दिख सके।
ब्लैक बॉक्स को क्यों नहीं आती खरोंच?
1. हाई-टेम्परेचर रेसिस्टेंट डिजाइन
ब्लैक बॉक्स को 1100°C तक की आग में 1 घंटे तक सुरक्षित रहने के लिए डिज़ाइन किया जाता है।
क्रैश के बाद विमान में जो आग लगती है, उससे यह प्रभावित नहीं होता।
2. टाइटेनियम या स्टील की बाहरी परत
इसकी बाहरी बॉडी बहुत मजबूत और भारी होती है — आमतौर पर टाइटेनियम या इंवेंसल एलॉय (Inconel) से बनी होती है, जो बेहद ताकतवर होती है।
इससे यह हर दिशा से होने वाले जबरदस्त दबाव (up to 3400 G-force) को झेल सकता है।
3. वॉटरप्रूफ और क्रैशप्रूफ कोटिंग
इसे समुद्र या गहराई में गिरने की स्थिति में भी 30 दिनों तक पानी के अंदर टिके रहने के लिए बनाया गया है।
कई ब्लैक बॉक्स में अंडरवॉटर लोकेटर बीकन भी होता है जो पानी में भी सिग्नल भेजता है।
4. अंदर की मेमोरी यूनिट सुरक्षित रहती है
असली रिकॉर्डिंग एक मल्टी-लेयर प्रोटेक्टेड मेमोरी यूनिट में होती है, जिसे झटकों, आग और पानी से अलग कई स्तरों की सुरक्षा दी जाती है।
क्या ब्लैक बॉक्स कभी खराब होता है?
बहुत दुर्लभ मामलों में अगर क्रैश बहुत ज्यादा हिंसक हो या अगर ब्लैक बॉक्स लंबे समय तक आग में रहा हो, तो उसे डिकोड करना मुश्किल हो सकता है — लेकिन आमतौर पर यह 70-90% मामलों में डाटा रिकवर कर लेता है।
नतीजा:
ब्लैक बॉक्स को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि वह किसी भी स्थिति में विमान दुर्घटना का सच बताने वाला गवाह बन सके। इसमें जान नहीं होती, लेकिन हर जवाब छिपा होता है।
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