क्या आपने कभी सोचा है टॉयलेट फ्लश में दो बटन क्यों होते हैं? 99% लोग कर रहे हैं इसका गलत इस्तेमाल!

 

हम में से अधिकांश लोग रोज़मर्रा की जिंदगी में टॉयलेट फ्लश का इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि उसमें दो अलग-अलग बटन क्यों दिए गए होते हैं? शायद नहीं। दरअसल, ये दो बटन केवल डिज़ाइन के लिए नहीं, बल्कि एक खास मकसद से लगाए जाते हैं—और वो मकसद है जल संरक्षण।

अगर आप भी हर बार बिना सोचे-समझे सिर्फ बड़ा बटन दबाते हैं, तो हो सकता है आप भी रोज़ाना कई लीटर पानी बेवजह बर्बाद कर रहे हों। आइए जानें कि ये दो बटन आखिर होते क्यों हैं, और इन्हें सही तरीके से कैसे इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

ड्यूल फ्लश सिस्टम: छोटा बटन बनाम बड़ा बटन

आजकल अधिकतर मॉडर्न टॉयलेट्स में जो फ्लश सिस्टम लगाया जाता है, उसे ड्यूल फ्लश सिस्टम कहा जाता है। इसमें दो बटन होते हैं — एक छोटा बटन (Half Flush) और एक बड़ा बटन (Full Flush)।

छोटा बटन: इसका इस्तेमाल केवल पेशाब के बाद करना चाहिए। इसमें लगभग 3 लीटर पानी का उपयोग होता है।

बड़ा बटन: इसका इस्तेमाल मल त्याग के बाद किया जाता है। इसमें करीब 6 लीटर पानी खर्च होता है।

गलत इस्तेमाल से रोज़ाना बर्बाद हो रहा है पानी

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 90% से ज्यादा लोग इन दोनों बटनों में फर्क नहीं जानते और हर बार फुल फ्लश का ही इस्तेमाल करते हैं।
अब सोचिए, अगर एक व्यक्ति दिन में औसतन 5 बार टॉयलेट जाता है और हर बार फुल फ्लश करता है, तो वह 15-20 लीटर अतिरिक्त पानी बर्बाद कर सकता है।
अगर एक चार सदस्यीय परिवार ऐसा करे, तो रोज़ाना 80-100 लीटर पानी केवल इस एक आदत की वजह से नाली में बह सकता है।

ड्यूल फ्लश सिस्टम की शुरुआत कहां से हुई थी?

इस सिस्टम की नींव 1980 के दशक में ऑस्ट्रेलिया में रखी गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य घरेलू स्तर पर पानी की खपत को कम करना था। आज यह तकनीक भारत सहित कई देशों में इस्तेमाल की जा रही है।

आपका छोटा सा कदम, बड़ा बदलाव ला सकता है

पानी की हर बूंद कीमती है। ऐसे में एक छोटी सी जागरूकता — सही फ्लश बटन का चुनाव — लाखों लीटर पानी बचा सकती है।

याद रखें

पेशाब के बाद Half Flush (छोटा बटन)

मल त्याग के बाद Full Flush (बड़ा बटन)


टॉयलेट का ड्यूल फ्लश सिस्टम केवल एक मॉडर्न फीचर नहीं, बल्कि पर्यावरण और जल संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम है। अगली बार जब आप टॉयलेट जाएं, तो सही बटन का इस्तेमाल करें। आप न केवल पानी बचाएंगे, बल्कि दूसरों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकते हैं।

पानी बचाएं, भविष्य बचाएं!

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