फूलगोभी की खेती में इन 5 गलतियों से बचें, फसल होगी शानदार

फूलगोभी एक लाभदायक फसल है, लेकिन सही देखभाल न होने पर खेत में ही सड़ने लगती है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। नीचे दिए गए सुझावों को अपनाकर आप फूलगोभी की फसल को सड़ने से बचा सकते हैं और अच्छी पैदावार हासिल कर सकते हैं:
1. जल निकासी (Drainage) का रखें ध्यान
खेत में पानी रुकने से फूलगोभी जल्दी सड़ती है।
खेत को थोड़ा ढलानदार रखें और नालियों की व्यवस्था करें ताकि वर्षा या सिंचाई के बाद पानी जल्दी निकल जाए।
2. समय पर कटाई करें
बहुत देर से तुड़ाई करने पर फूल पक कर ढीले और सड़ने लगते हैं।
जैसे ही फूल पूरी तरह तैयार हो जाए (सफेद, कसे हुए और मध्यम आकार के), तुरंत तुड़ाई करें।
3. संतुलित खाद और दवाओं का प्रयोग
अधिक नाइट्रोजन देने से फूल नरम हो जाते हैं और जल्दी सड़ सकते हैं।
संतुलित खाद योजना बनाएं — नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश सही अनुपात में दें।
फफूंदनाशी दवाओं (Fungicides) का समय-समय पर छिड़काव करें, खासकर बारिश के मौसम में।
4. रोग और कीट नियंत्रण
फूलगोभी में ब्लैक रॉट, डाउन माइल्ड्यू जैसे रोग आम होते हैं जो सड़न बढ़ाते हैं।
नीम का तेल या जैविक दवाएं भी मददगार हो सकती हैं।
रोग दिखने पर तुरंत प्रभावित पौधे हटा दें।
5. अंतरवर्तीय खेती और फसल चक्र
लगातार एक ही खेत में गोभी उगाने से मिट्टी में रोग फैल सकते हैं।
गोभी के साथ धनिया, पालक जैसी अंतरवर्तीय फसलें लें और फसल चक्र अपनाएं।
6. फूल को मिट्टी से संपर्क न होने दें
फूल अगर मिट्टी को छूते हैं तो वहां से सड़न शुरू हो सकती है।
पौधों को सहारा देकर ऊपर उठाएं और खेत साफ रखें।
फूलगोभी की खेती में थोड़ी सी सावधानी और वैज्ञानिक तरीके अपनाकर न केवल सड़न से बचा जा सकता है, बल्कि पैदावार और मुनाफा दोनों बढ़ाया जा सकता है।
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