श्री गंगानगर: लाखों रुपयों से बनी सड़क, पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप

 श्री गंगानगर :  श्री गंगानगर शहर के वार्ड 49 और 50 को जोड़ने वाली, सिहाग हॉस्पिटल से सत्यम हॉस्पिटल की ओर जाने वाली महत्वपूर्ण सड़क इन दिनों स्थानीय निवासियों के लिए आक्रोश और चिंता का विषय बनी हुई है। लाखों रुपए की लागत से निर्मित यह सड़क, अपने निर्माण के तुरंत बाद ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है, और अब इसकी बदहाली आम नागरिकों के सब्र का बांध तोड़ रही है।

निर्माण के बाद तुरंत टूटना: भ्रष्टाचार की खुली पोल
स्थानीय लोगों के अनुसार, जिस दिन से यह सड़क बनकर तैयार हुई है, उसके अगले ही दिन से इसमें दरारें पड़नी शुरू हो गईं। शुरुआती मरम्मत के नाम पर लीपापोती की गई, लेकिन महज डेढ़ महीने के भीतर ही सड़क जगह-जगह से बुरी तरह टूट चुकी है। मानसून की संभावित भारी बारिश को लेकर लोगों में गहरी चिंता है, क्योंकि उनका मानना है कि कल तेज बारिश हुई है अगर एक दो बार ओर तेज बारिश आती है तो यह पूरी सड़क बह जाएगी और लाखों रुपये का यह सरकारी पैसा पानी में मिल जाएगा।

भाजपा नेताओं की चुप्पी
हैरानी की बात यह है कि इसी सड़क पर भाजपा के एक बड़े नेता का घर भी है, लेकिन सड़क की दुर्दशा पर उनकी चुप्पी सवालों के घेरे में है। इतना ही नहीं, इसी सड़क पर स्थित प्रमादेवी गोयल बारात घर भी है, जहां प्रधानमंत्री के 'मन की बात' कार्यक्रम को सुनने के लिए भाजपा के स्थानीय नेताओं की अच्छी खासी भीड़ जुटती है। विडंबना यह है कि जहां प्रधानमंत्री के विचारों को सुना जाता है, वहीं भ्रष्टाचार से जूझ रही आम जनता की 'मन की बात' इन नेताओं को सुनाई नहीं देती। स्थानीय नागरिक पूछ रहे हैं, "क्या इन सभी नेताओं को यह टूटी हुई सड़क दिखाई नहीं देती?"

ठेकेदार और प्रशासन की मिलीभगत पर सवाल
यह स्थिति सीधे तौर पर ठेकेदार और प्रशासन की मिलीभगत की ओर इशारा करती है। लाखों रुपये की लागत से बनी सड़क का इतनी जल्दी टूट जाना, निर्माण कार्य में गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का प्रमाण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा "न खाऊंगा न खाने दूंगा" भाजपा सरकार के लिए एक आदर्श वाक्य है, लेकिन श्री गंगानगर की इस सड़क का हाल इस नारे के ठीक उलट तस्वीर पेश कर रहा है। सवाल उठता है कि भाजपा शासित राज्य में इस तरह का खुला भ्रष्टाचार कैसे संभव है?

पार्षदों की उदासीनता:
यह सड़क वार्ड 49 और 50 के मध्य से गुजरती है, और दोनों वार्डों के पार्षद भाजपा से ही हैं। इसके बावजूद, सड़क की इस गंभीर समस्या पर दोनों पार्षदों की चुप्पी ने स्थानीय नागरिकों के गुस्से को और भड़का दिया है। लोग जानना चाहते हैं कि अपने ही वार्ड की जनता की इस बड़ी समस्या पर वे मौन क्यों हैं? क्या उन्हें अपने क्षेत्र की मूलभूत सुविधाओं से कोई सरोकार नहीं है?

जांच और सुधार की मांग: विधायक और प्रशासन से अपील
स्थानीय निवासियों और जागरूक नागरिकों ने श्री गंगानगर के विधायक और संबंधित प्रशासन से इस ओर तत्काल ध्यान देने की अपील की है। उनकी मांग है कि इस भ्रष्टाचार की गहन जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, सड़क को तुरंत दुरुस्त किया जाए ताकि आम जनता को इस परेशानी से निजात मिल सके। यह समय है कि जनप्रतिनिधि और प्रशासन सिर्फ 'मन की बात' सुनने में ही नहीं, बल्कि 'जन की बात' सुनने और उस पर कार्रवाई करने में भी अपनी प्राथमिकता दिखाएं। अन्यथा, यह 'भ्रष्ट सड़क' भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त शासन के दावों पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाती रहेगी।

रिपोर्टर : सुरेश गर्ग

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