सुंदरकांड के दोहे और चौपाइयों से जीता दिल, नौलखी मानस मंडल बना विजेता

गंजबासौदा : रामचरितमानस के सातों कांडों में से जनमानस में आस्था,श्रद्धा के साथ अति लोकप्रिय सुंदरकांड के दोहे और चौपाइयों को लेकर धार के अमझेरा में आयोजित हुई प्रतियोगिता में नगर के नौलखी मानस मंडल द्वारा दी गई शानदार प्रस्तुति के लिए विजेता के रूप में 31 हजार रुपए और स्मृति चिन्ह देकर प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश के अलावा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित अन्य राज्यों के सात नामचीन मंडल सम्मिलित हुए थे। नौलखी मानस मंडल ने हजारों श्रोताओं के बीच सुंदरकांड के दोहे और चौपाइयों की व्याख्या सहित संगीतमय भक्ति भाव प्रस्तुति देकर ना केवल श्रद्धालुओं का दिल जीत लिया बल्कि निर्णायक मंडल में शामिल संगीताचार्यों ने शानदार प्रस्तुति से प्रभावित होकर नौलखी मानस मंडल को प्रथम विजेता के रूप में चुना।
मालूम हो कि धार जिले के अमझेरा में स्वर्गीय चंद्रशेखर शर्मा की पुण्य स्मृति में प्रतिवर्ष संगीतमय सुंदरकांड पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जो कि पिछले 5 वर्षों से लगातार जारी है। प्रतियोगिता में देश वर्ष से ख्याति प्राप्त मानस मंडल प्रस्तुति के लिए पहुंचते हैं, मंचीय प्रस्तुति से पहले मंडल के कलाकारों की प्रस्तुति का चयन संगीत महाविद्यालय के संगीताचार्यों द्वारा किया जाता है। इस बार आयोजन में नगर के नौलखी मानस मंडल को भी आमंत्रित किया गया था। मंडल के प्रमुख शुभांशु झा ने बताया कि जिले और नगर के लिए गौरव की बात है। प्रतियोगिता में सात मंडलों ने भाग लिया था प्रत्येक मंडल को 45 मिनट में सुंदरकांड के नौ-नौ दोहों पर अपनी प्रस्तुति देना थी। उनके मंडल की पांचवें नंबर पर सुंदरकांड के नौ दोहे की व्याख्या सहित संगीतमय भक्ति भावपूर्ण प्रस्तुति से प्रभावित होकर निर्णायक मंडल ने सात मंडलों में से नौलखी मानस मंडल की प्रस्तुति को सराहनीय बताते हुए प्रथम विजेता के रूप में चुना। उनके साथ प्रस्तुति में दिनेश गन्धर्व वायलिन, नटराज पाटीदार पैड, गोपाल शर्मा तबला, कुलदीप राव की-बोर्ड, हेमंत शर्मा सह गायक के रूप में सम्मिलित थे। क्लासिकल गायन में उभरता हुआ नाम है शुभांशु, कई मंचों पर दे रहे हैं प्रस्तुति संगीत के मंचों पर जब शुभांशु क्लासिकल गायन में अपनी प्रस्तुति देते हैं तो सुनने वाले उनकी प्रतिभा के कायल हो जाते हैं। उन्होंने सरस्वती शिशु मंदिर और शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय से स्कूली शिक्षा ग्रहण करने के बाद ग्वालियर के राजा मानसिंह तोमर संगीत यूनिवर्सिटी से क्लासिकल गायन में एम ए की डिग्री हासिल की है। क्लासिकल गायन के माध्यम से संगीत के क्षेत्र में नगर को नई पहचान देने वाले शुभांशु झा नगर के एक सामान्य माध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे रामगोपाल झा के पुत्र हैं। मां की प्रेरणा से उन्होंने संगीत के क्षेत्र में कदम रखा और 14 वर्ष से वह संगीत की बारीकियां सीखते सीखते मंचीय प्रस्तुति दे रहे हैं। संगीत की शिक्षा उन्होंने संगीताचार्य अवधनारायण शर्मा से ली है जबकि नौलकी खालसा के श्रीमहंत राम मनोहरदास जी महाराज के मार्गदर्शन प्रेरणा से है अभी भी संगीत की बारिकियां सीख रहे हैं। कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में वह गायन में प्रथम रहे हैं।
रिपोर्टर : हेमंत आनंद
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