डायबिटीज (बाल मधुमेह) से पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों के लिए पहली बार रोगी सहायता समूह बैठक आयोजित

गरियाबंद :  जिले में टाइप-1 डायबिटीज (बाल मधुमेह) से पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों के लिए पहली बार रोगी सहायता समूह बैठक आयोजित की गई। यह महत्वपूर्ण पहल राज्य NCD सेल, जिला स्वास्थ्य समिति गरियाबंद, यूनिसेफ छत्तीसगढ़ व एमसीसीआर के तकनीकी सहयोग से संपन्न हुई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य टाइप-1 डायबिटीज से जूझ रहे बच्चों व उनके परिजनों को सही चिकित्सकीय जानकारी, भावनात्मक समर्थन, उपचार प्रबंधन और दैनिक देखभाल के लिए आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करना था। विशेषज्ञों ने टाइप-1 डायबिटीज के कारण, लक्षण, इंसुलिन प्रबंधन, बच्चों के खानपान, स्कूल में देखभाल और दैनिक जीवन में जरूरी सावधानियों पर विस्तार से जानकारी दी। परिवारों ने भी अपने अनुभव, चुनौतियाँ और सफलताएँ साझा कीं, जिससे उपस्थित अन्य परिवारों में आत्मविश्वास बढ़ा और एक-दूसरे से सीखने का अवसर मिला। कार्यक्रम के दौरान बच्चों और अभिभावकों के लिए संवाद आधारित चर्चा भी आयोजित की गई।

जिला पंचायत अध्यक्ष गौरीशंकर कश्यप ने मरीजों एवं उनके परिजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि T1D एक चुनौती है, लेकिन यह आपकी ज़िंदगी को परिभाषित नहीं कर सकती। आप मजबूत हैं, आप सक्षम हैं, और आप अपने जीवन को अपने तरीके से जीने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
मैं आपको प्रेरित करता हूँ कि आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें, अपने सपनों को पूरा करने के लिए काम करें और कभी हार न मानें। आपके परिवार, आपके दोस्त, और हम आपके साथ हैं।
आपकी ज़िंदगी आपकी अपनी है, और आप इसे अपने तरीके से जीने के लिए स्वतंत्र हैं। आइए, हम साथ मिलकर एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन की ओर बढ़ें!
भारत की स्थिति को देखते हुए यह बैठक अत्यंत महत्वपूर्ण बन जाती है। देश में टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है और विशेषज्ञों के अनुसार भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जहाँ इस बीमारी के नए मामलों में तेजी देखी जा रही है। जानकारी के अभाव, उपचार की अनियमितता और भावनात्मक चुनौतियों के कारण कई बच्चों को गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ता है। ऐसे समय में गरियाबंद जिले में इस तरह की पहल बच्चों और परिवारों के जीवन को अधिक सुरक्षित, जागरूक और स्वस्थ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम के दौरान खुले मरीजों द्वारा अपने अनुभव, प्रेरणादायक संवाद और विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सरल व व्यवहारिक समाधान ने बच्चों और परिवारों को बड़ी राहत प्रदान की। कार्यक्रम के अंत में लिए गए फीडबैक में अधिकांश परिवारों ने इस बैठक को अत्यंत उपयोगी बताया और भविष्य में इसे नियमित रूप से आयोजित करने की मांग की। साथ ही मरीजों व उनके परिजनों की समस्या भी दूर की गई 
यह रोगी सहायता समूह बैठक गरियाबंद जिले में बाल मधुमेह के प्रति जागरूकता बढ़ाने, गलत धारणाएँ दूर करने और परिवारों के बीच एक मजबूत सपोर्ट नेटवर्क तैयार करने की दिशा में एक प्रभावशाली और आवश्यक पहल सिद्ध हुई।
इस बैठक में जिले के कुल 17 टाइप-1 डायबिटीज के मरीज एवं उनके परिवारजन शामिल हुए। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष गौरीशंकर कश्यप, उपाध्यक्ष लालिमा ठाकुर, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. वाय.के. ध्रुव, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लक्ष्मीकांत जांगड़े, डॉ अंकुश वर्मा शिशु रोग विशेषज्ञ, डॉ. सुनील कुमार रेड्डी जिला नोडल सिकल सेल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (एनएचएम) गणपत नायक तथा प्रभारी अस्पताल सलाहकार डॉ. शंकर लाल पटेल की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष श्री कश्यप द्वारा की गई। साथ ही यूनिसेफ से स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. श्वेताभ त्रिपाठी, एमसीसीआर से डॉ. डी. श्याम कुमार और उनकी टीम की महत्वपूर्ण सहभागिता रही।
यह बैठक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. यू.एस. नवरतन के मार्गदर्शन में तथा यूनिसेफ स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. गजेंद्र सिंह के नेतृत्व में सफलतापूर्वक आयोजित की गई।

रिपोर्टर : मनोज गोस्वामी  

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