डेढ़ साल में ही जर्जर हुआ 75 लाख का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, CGMSC निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप

गरियाबंद : छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) द्वारा आदिवासी बहुल क्षेत्र पिपरछेड़ी ग्राम पंचायत में निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। महज डेढ़ साल पहले 75 लाख रुपये की लागत से बना यह भवन अब जर्जर हालत में है — दीवारों से प्लास्टर झड़ने लगा है, और भवन की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

ग्रामीणों ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
स्थानीय ग्रामीणों ने ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों पर मिलकर निर्माण में भारी भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि निर्माण कार्य के दौरान घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया और मानकों को ताक पर रखकर भवन तैयार किया गया। "इतनी बड़ी रकम खर्च होने के बावजूद दीवारें दरकने लगी हैं। ना कोई गुणवत्ता दिखी, ना ही निगरानी। यह साफ तौर पर सरकारी धन की बर्बादी और लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है," – एक ग्रामीण निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया।

जांच की मांग तेज

मामले को लेकर ग्रामीणों ने स्वतंत्र जांच की मांग की है और उम्मीद जताई है कि प्रशासन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। उनका कहना है कि यदि समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले समय में यह स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीणों के लिए खतरा बन सकता है।

क्या कहता है प्रशासन?

इस मामले में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी मेडिकल ऑफिसर डॉ रूपसिंह नागेश द्वारा आरोप की पुष्टि की गई हैं। अभी तक निर्माण एजेंसी CGMSC की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, स्थानीय स्तर पर चर्चा है कि जल्द ही उच्चाधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण किया जा सकता है।

स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत
यह घटना एक बार फिर छत्तीसगढ़ की ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल उठाती है। राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत में बदलाव नजर नहीं आ रहा।

रिपोर्टर : मनोज गोस्वामी

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