लहसुन की खेती के लिए इन बातों का रखें ध्यान, नहीं होगा नुकसान

लहसुन की खेती एक लाभकारी व्यवसाय हो सकता है, लेकिन इसमें कुछ खास ध्यान देने वाली बातों का ख्याल रखना पड़ता है। अगर आप लहसुन की खेती करने का सोच रहे हैं, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
1. भूमि का चुनाव और तैयारी: लहसुन के लिए हल्की, उपजाऊ और अच्छी जल निकासी वाली भूमि सबसे उपयुक्त है। यह मिट्टी में अधिक नमी और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। लहसुन के लिए मिट्टी का पिएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए। लहसुन के बीज लगाने से पहले खेत की अच्छे से जुताई करें और उसमें खाद या गोबर की खाद डालें। इस प्रक्रिया से मिट्टी में अच्छे से वायु संचार और जल निकासी होती है।
2. बीज का चयन और रोपाई: लहसुन के लिए अच्छे और स्वस्थ कलियों का चयन करें। केवल बड़े और बिना किसी रोग के लहसुन की कलियां ही लें। प्रति हेक्टेयर लगभग 500 से 600 किलोग्राम लहसुन की कलियां लगानी चाहिए। लहसुन की कलियों को एक-एक करके अलग करें और प्रति मीटर दूरी पर लगाएं। बीज को 5-7 सेंटीमीटर गहरे छेद में लगाएं और 15 से 20 सेंटीमीटर की दूरी पर रखें।
3. सिंचाई का तरीका: लहसुन को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन इसकी खेती के दौरान नियमित सिंचाई करनी चाहिए। लहसुन की रोपाई के बाद 2-3 बार सिंचाई करें। गर्मी के मौसम में प्रत्येक 7-10 दिन में एक बार सिंचाई करें। ज्यादा पानी से बचें, क्योंकि इससे कलियां सड़ सकती हैं। ड्रिप सिंचाई का प्रयोग अधिक उपयुक्त है, क्योंकि इससे पानी की बर्बादी कम होती है और लहसुन को समान रूप से पानी मिलता है।
4. खाद और उर्वरक: लहसुन के लिए अच्छे नतीजे प्राप्त करने के लिए जैविक खाद और संतुलित रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल करना चाहिए। प्रति हेक्टेयर 10-15 टन गोबर की खाद डालें। खाद के अनुपात को ध्यान में रखते हुए उर्वरकों को समय-समय पर डालें।
5. कीट और रोग नियंत्रण: लहसुन में मुख्य रूप से तंबाकू कीट, फफूंदी और अन्य कीटों का खतरा रहता है। इसके लिए जैविक और रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि लहसुन में फफूंदी लग जाए तो उसे हटाने के लिए ताम्र सल्फेट या फफूंदी रोधी दवाओं का इस्तेमाल करें। खेत में घास या खरपतवार न उगने दें क्योंकि ये कीटों और रोगों का घर बन सकते हैं।
लहसुन की खेती में ध्यान देने योग्य मुख्य बिंदु हैं- भूमि की गुणवत्ता, सिंचाई, खाद का प्रयोग, कीट-रोग नियंत्रण, और सही समय पर कटाई। इन सबका सही पालन करने से आप अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं और इसे एक लाभकारी व्यवसाय बना सकते हैं।
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