तेल या घी – लिवर के लिए क्या है बेहतर? डॉक्टर ने दी साफ-साफ सलाह

अक्सर लोग इस उलझन में रहते हैं कि तेल बेहतर है या घी? खासतौर पर जब बात लिवर को हेल्दी रखने की आती है। सोशल मीडिया से लेकर रसोई तक ये बहस आम हो गई है – कहीं ऐसा न हो कि ज्यादा तेल या घी खाने से फैटी लिवर जैसी परेशानी हो जाए।

इस मुद्दे पर सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली के सीनियर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. आशीष कुमार ने बहुत ही व्यावहारिक और साफ नजरिया पेश किया है।


तेल और घी कोई दुश्मन नहीं हैं

डॉ. आशीष के अनुसार, तेल और घी को जहर समझना गलत है। ये दोनों ही चीज़ें शरीर के लिए जरूरी होती हैं, लेकिन हर अच्छी चीज़ की तरह इनका भी सीमित सेवन ही लाभकारी होता है। जब हम इनकी मात्रा का संतुलन खो देते हैं, तब समस्याएं शुरू होती हैं।


कैसे बनता है फैटी लिवर?

तेल और घी दोनों में कैलोरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। अगर इनका जरूरत से ज्यादा सेवन किया जाए तो शरीर में अतिरिक्त कैलोरी जमा होने लगती है, जिससे वजन बढ़ता है और यही बढ़ा हुआ वजन फैटी लिवर का कारण बन सकता है।


कितनी मात्रा है सुरक्षित?

डॉक्टर की सलाह के मुताबिक:

  • अगर आप घी खाते हैं, तो 1 से 2 चम्मच प्रतिदिन पर्याप्त है।

  • घी और तेल मिलाकर कुल मात्रा 3 से 4 चम्मच प्रतिदिन से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए।

???? याद रखें: "जितनी जरूरत, उतनी मात्रा" – यही है सेहतमंद लिवर का फॉर्मूला।


तेल का इस्तेमाल – स्मार्ट तरीकों से करें

सिर्फ कम मात्रा में तेल खाना काफी नहीं, बल्कि कैसे और कौन सा तेल इस्तेमाल किया जा रहा है, ये भी महत्वपूर्ण है:

  • एक ही तेल को बार-बार गर्म न करें, खासतौर पर रिफाइंड ऑयल में ऐसा करने से हानिकारक तत्व बनते हैं।

  • तेलों में बदलाव करें – जैसे कभी सरसों का तेल, कभी मूंगफली, फिर सूरजमुखी या ऑलिव ऑयल। इससे पोषण में विविधता आती है।

  • डीप फ्राई और तला-भुना खाना कम करें, क्योंकि इसमें बनने वाले ट्रांस फैट्स लिवर के लिए खतरनाक हो सकते हैं।


कौन खा सकता है तेल और घी?

अगर आप स्वस्थ हैं या फैटी लिवर की शुरुआती स्टेज में हैं, तो घी और तेल को सीमित मात्रा में लेना पूरी तरह से सुरक्षित है। लेकिन अगर लिवर से जुड़ी कोई गंभीर बीमारी है, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


संतुलन ही है असली उपाय

तेल और घी को पूरी तरह छोड़ देना कोई समाधान नहीं है। सही तरीका ये है कि हम संतुलन बनाना सीखें

  • मात्रा सीमित रखें

  • अच्छे तेलों का चुनाव करें

  • तले-भुने खाने से दूरी बनाएं

इस तरह आप स्वाद और सेहत दोनों को बरकरार रख सकते हैं – और लिवर को भी फिट रख सकते हैं।

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