स्पॉन्सरशिप का लाभ मिलने के बावजूद स्कूल छोड़ ढाबे में कर रहा मजदूरी

गिरिडीह : बाल मज़दूर रेसक्यू एवं पूनर्वास अभियान के तहत बीते 16 अक्टूबर शुक्रवार को धावा दल द्वारा बेंगाबाद के विभिन्न प्रतिष्ठानों होटलों, ढाबों मिठाई की दुकान, कपड़ो की दुकान आदि का निरीक्षण किया गया जहाँ बालश्रमिक रखे जाने की सूचना प्राप्त हुई थी।
इस दौरान बेंगाबाद से छोटकीखरगडीहा रोड मे संचालित शिवम् ढाबा में औचक निरीक्षण के क्रम मे एक बाल मज़दूर मजदूरी करते हुए पाया गया। निरीक्षण के दौरान बाल मजदूर ग्लास, कप, प्लेट धोने व साफ सफाई तथा ज्वलन शील चूल्हे क़े नज़दीक मुर्गा मछली बनाने के काम मे सहयोग करते पाया गया l
बच्चे ने बताया कि 1500 रुपए एडवांस देकर मुझे लाया गया था. यह एक प्रकार से इसे बालकों से बंधुआ मज़दूरी करवाना हैl
रेस्क्यू किए गए बच्चे को बाल कल्याण समिति गिरिडीह के समक्ष प्रस्तुत किया गया और उसी दिन बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चे को बाल संरक्षण गृह में भेज दिया गया l
दूसरी ओर गिरिडीह जिला प्रसाशन व सी डब्लू सी के अधिकारीयों ने कहा इस मामले मे ढाबा संचालक के विरुद्ध व कई अन्य लोगो के उपर बाल श्रम एक्ट एवं बाल शोषण के तहत कानूनी रूप से दण्डित करने की तैयारी की जा रही है जिसमे सजा के साथ जुर्माने भी लगाए जा सकते है l
वहीं इस धावा दल में श्रम विभाग गिरिडीह के प्रधान लिपिक विजय राज , बेंगाबाद थाना के एस आई सरयू पासवान, चाइल्ड हेल्फ लाइन से संतोष कुमार वर्मा , बनवासी विकास आश्रम सह जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन एक्टिविस्ट सुरेश कुमार शक्ति,
जिला को - ऑर्डिनेटर उत्तम कुमार सिंह , रूपा कुमारी शामिल रहे।
शिवम् ढाबा के संचालक को बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत होने को कहा गया परन्तु उन्होंने प्रस्तुत होने से मना कर दिया है l
गौर तलब है कि बाल श्रम से मुक्त कराये गए बच्चे को तथा इसके भाई को स्पॉउंसरशिप स्किम क़े तहत स्कूल में पढ़ाई करने क़े उद्देश्य से चार -चार हज़ार रूपये की सहायता राशि प्रति माह दी जा रही है, स्किम क़े उद्देश्य का प्रॉपर मॉनिटरिंग नहीं हो पाने क़े वजह से लाभार्थी बच्चे स्कूल न जाकर बाल श्रम जैसे गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं, जिससे स्पाउन्सरशिप योजना के सही उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो रही है l
जिसके जिम्मेवार जिले के समाज कल्याण पदाधिकारी, डी सी पी ओ के साथ अन्य अधिकारी व विभाग के कर्मचारी होते है, इन्ही लोगो के द्वारा स्पोंसरशिप का लाभ मिल रहे बच्चों को फॉलोअप करने की होती है जबकि
बाल अधिकार एक्टिविस्ट सुरेश कुमार शक्ति ने कहा कि बालश्रम के खिलाफ और भी कड़े कदम उठाने की जरुरत है क्योंकि नियोक्ताओं मे भय नहीं है । नागरिकों को भी बचपन को बचाने के लिए आगे आने की जरूरत है। आम नागरिक बालश्रम की शिकायत टॉल फ्री नम्बर 18003456526 एवं 1098 पर दे सकते है, जबकि सुचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखा जाता है ।
18 वर्ष से कम उम्र क़े बच्चों एवं किशोरों से श्रम करवाना बाल एवं किशोर श्रम (निषेध एवं विनियमन ) अधिनियम क़े तहत दंडनीय अपराध है.
बाल श्रम विमुक्ति अभियान में बेंगाबाद थाना प्रभारी जीतेन्द्र कुमार सिंह की भूमिका काफी सराहनीय रही l
रिपोर्टर : अमित कुमार
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