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वनस्पति एवं जंतु विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित किया गया वेबीनार

गोंडा - श्री लाल लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज के वनस्पति एवं जंतु विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर संपन्न हुआ वेबीनार श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज के जंतु एवं वनस्पति विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर  ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न महाविद्यालय के प्रोफेसर एवं छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर सहभागिता की । नैक प्रभारी प्रोफेसर जितेंद्र सिंह ने सभी प्राध्यापक  एवं छात्र-छात्राओं का स्वागत करते हुए युवा पीढ़ी को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनने का संदेश दिया। कार्यक्रम की आयोजन सचिव डॉ रेखा शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा विकास के नाम पर मनुष्य ने इस प्रकृति का दोहन इस हद तक किया है कि आज इसके दुष्परिणाम  जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग के रूप में दिखाई दे रहे हैं। इसी गति से यदि पर्यावरण का दोहन होता रहा तो आने वाले 50 वर्ष बाद इस धरती पर प्रत्येक जीव धारी का जीवन संकटग्रस्त होगा। डॉ शर्मा ने प्लास्टिक को पर्यावरण के लिए सबसे घातक प्रदूषक बताया। के एस साकेत महाविद्यालय अयोध्या के मुख्य नियंता प्रोफेसर अशोक कुमार मिश्रा ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए भारतीय संस्कृति को पूर्णतः वैज्ञानिक बताया और रामायण एवं महाभारत में वर्णित पर्यावरण संरक्षण के उदाहरण को देते हुए युवा पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाया वहीं फिरोज गांधी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज रायबरेली की जंतु विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ तुनिरा भदोरिया ने प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण और निवारण पर प्रकाश डालते हुए कहा आज जो प्लास्टिक के उत्पाद हमें दिखाई देते हैं इन्हीं से हमें खतरा नहीं है बल्कि प्लास्टिक का जब उचित प्रबंधन नहीं होता तो यही प्लास्टिक माइक्रो प्लास्टिक में तब्दील हो जाते है । माइक्रो प्लास्टिक का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही चला जा रहा है। हवा ,पानी, भूमि सभी प्रदूषित हो गए हैं। माइक्रो प्लास्टिक का आकार 5 मिलीग्राम से भी कम होता है जो श्वसन एवं भोजन के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर रहे हैं। हमारी धमनियों में भी आज प्लास्टिक पाया जा रहा है जिससे हमारा नर्वस सिस्टम  सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है एवं हार्ट अटैक तथा कैंसर जैसी बीमारियां बहुत तेजी से पैर पसार रही हैं और पूरी दुनिया को अपने आगोश में लेती जा रही है। मानवता एवं अन्य जीवधारियों  के कल्याण के लिए प्लास्टिक का प्रयोग बंद करना होगा । अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए शास्त्री महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर रविंद्र कुमार ने पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले विभिन्न घटकों की चर्चा करते हुए स्वच्छ एवं सुंदर वातावरण बनाने में बुद्धिजीवियों एवं छात्र-छात्राओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अमन चंद्रा ने प्राचीन भारत में पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न राज्यों द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा की। धन्यवाद ज्ञापन जंतु विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉक्टर शिशिर त्रिपाठी ने किया ।वेबीनार में 78 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रो श्रवण कुमार श्रीवास्तव, आयोजन सह सचिव डॉ संजय कुमार ,डॉ अशोक पांडेय, डॉ प्रियंका श्रीवास्तव, डॉ सतीश तिवारी कृष्ण मोहन त्रिपाठी, ड्रिंकल यादव ,आनंद चतुर्वेदी,  विंध्या साहू ,मानसी पांडे का सहयोग सराहनीय रहा।

रिपोर्टर - राजेश कुमार जायसवाल 

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