सरकार के विद्यालय बंद करने के निर्णय से प्रदेश में बढेगी अशिक्षा: मनोज चौबे

गोण्डा : विधान सभा क्षेत्र तरबगंज के वरिष्ठ सपा युवा नेता एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य मनोज  चौबे ने मंगलवार को प्रदेश के  राज्यपाल को  सम्बोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी तरबगंज विश्वमित्र सिंह को देकर कम बच्चे वाले  विद्यालयों को तोड़ कर अन्य विद्यालयों में विलय करने के प्रदेश सरकार की नीति का विरोध करते हुए इसे वापस लेने का अनुरोध किया  है। 
ज्ञापन में सपा नेता मनोज चौबे ने कहा है कि प्रदेश  सरकार का कम छात्र छात्राओं वाले प्राथमिक व जूनियर स्तर के माध्यमिक स्तर के पांच हजार विद्यालयों को अन्य विद्यालयों को  में विलय या समाहित करने का निर्णय जनहित पर कुठाराघात के साथ शिक्षा विरोधी है।  इस निर्णय से विधानसभा क्षेत्र तरबगंज के अनेक विद्यालय प्रभावित हों। तरबगंज का बड़ा हिस्सा मांझा क्षेत्र में आता है।जहां जलभराव व रास्ते के अभाव में नौनिहाल बच्चों को विद्यालय में पहुंचने के लिए पांच किमी दूरी तय करनी पड़ेगी। जिससे तमाम निर्धन परिवार के बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि प्रदेश सरकार के इस निर्णय से बीटीसी प्रशिक्षित युवाओं की बेरोजगारी बढेगी। और विद्यालय में  मिडडे मील में भोजन बनाने वाली गरीब परिवार की रसोइयां महिलाओं की बेरोजगारी से जीविका छीन जाएगी। पूर्व जिला पंचायत सदस्य मनोज  चौबे ने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि नागरिकों को शिक्षा स्वास्थ्य एवं सुरक्षा शांति के अधिकार को जन जन तक उपलब्ध कराना  किसी भी सरकार का अनिवार्य कर्तव्य है। प्रदेश सरकार के सरकारी विद्यालयों के बंद करने से महंगे प्राइवेट विद्यालय चलाने वाले संचालको द्वारा गरीब अभिभावको का शोषण बढ़ जाएगा।  उन्होंने राज्यपाल से   प्रदेश सरकार के प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों को अन्य विद्यालय में समाहित करने के शिक्षा विरोधी जन विरोधी निर्णय को वापस लेने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।
 रिपोर्टर : शिवराम पांडे

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