आयुक्त ने आईजीआरएस पोर्टल पर लंबित संदर्भों पर की सख्त समीक्षा-संतोषजनक फीडबैक बढ़ाने के दिए निर्देश

गोंडा : जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण को लेकर सोमवार को आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने कमिश्नरेट सभागार में सभी मंडलीय अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई।  बैठक का मुख्य उद्देश्य आईजीआरएस (इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम) पोर्टल पर लंबित संदर्भों की समीक्षा करना और शिकायत निवारण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने की रणनीति तैयार करना रहा।

बैठक की शुरुआत में आयुक्त ने पोर्टल पर मौजूद लंबित मामलों की विभागवार स्थिति का विस्तृत आकलन किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता जनता की समस्याओं का त्वरित और स्थायी समाधान है, और इसके लिए सभी विभागों को सक्रिय, संवेदनशील और जवाबदेह रहना होगा।

 लंबित मामलों पर गंभीर रुख

आयुक्त ने कहा कि लंबित मामलों का निस्तारण केवल एक औपचारिक प्रक्रिया न बने। उन्होंने कहा "हमारा उद्देश्य यह होना चाहिए कि शिकायतकर्ता को समाधान के बाद दोबारा उसी समस्या के लिए दरवाज़ा न खटखटाना पड़े," उन्होंने निर्देश दिये कि निस्तारण की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। शिकायत के समाधान के लिए केवल दस्तावेजी जवाब देना पर्याप्त नहीं है, बल्कि आवश्यक हो तो फील्ड में जाकर मौके पर समस्या की जड़ तक पहुंचकर उसका स्थायी निवारण किया जाए।

संतोषजनक फीडबैक प्रतिशत बढ़ाने पर जोर

आयुक्त ने अधिकारियों को विशेष रूप से यह निर्देश दिया कि अपने-अपने विभागों और अधीनस्थों के साथ बैठक कर यह सुनिश्चित करें कि शिकायतकर्ता से प्राप्त संतोषजनक फीडबैक का प्रतिशत बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि समाधान के बाद शिकायतकर्ता असंतुष्ट है, तो यह स्पष्ट संकेत है कि निस्तारण अधूरा या असंतोषजनक है।

1 अगस्त से 11 अगस्त के मध्य प्राप्त 62 संदर्भों के फीडबैक में से 51 फीडबैक संतोषजनक पाए गए जबकि 11 फीडबैक असंतोषजनक प्राप्त हुए। इसमें अधिशासी अभियंता भूगर्भ जल, मुख्य अभियंता विद्युत, संयुक्त निदेशक व्यावसायिक शिक्षा एवं संयुक्त शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग के शत प्रतिशत फीडबैक असंतोष जनक पाए गए। आयुक्त ने सख्त निर्देश दिए कि कोई भी फीडबैक असंतोषजनक ना होने पाए सभी अधिकारी अपने अधीनस्थों के साथ बैठक कर संतोषजनक फीडबैक का प्रतिशत बढ़ायें।

देरी पर जवाबदेही तय होगी

बैठक में आयुक्त ने विभागवार लंबित संदर्भों की सूची प्रस्तुत कर संबंधित अधिकारियों से देरी के कारण पूछे। जिन मामलों में तकनीकी कारणों या प्रक्रियागत जटिलताओं के चलते देरी हो रही है, उन्हें प्राथमिकता से सुलझाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी संदर्भ का निस्तारण समयसीमा के भीतर नहीं होता है, तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी और आवश्यकतानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।

नियमित मॉनिटरिंग और समीक्षा की व्यवस्था

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज सभी संदर्भों की प्रगति की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी। प्रत्येक विभाग अपने स्तर पर समीक्षा बैठक करे। आयुक्त ने बताया कि शासन स्तर पर भी समय-समय पर आईजीआरएस पोर्टल की समीक्षा की जाती है, इसलिए स्थानीय स्तर पर लंबित मामलों की संख्या न्यूनतम रखने का प्रयास किया जाना चाहिए।

जनता को होगा सीधा लाभ

इन निर्देशों के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि लंबित संदर्भों के निस्तारण की रफ्तार में उल्लेखनीय सुधार होगा। शिकायतकर्ता को समय पर और गुणवत्तापूर्ण समाधान मिलेगा, जिससे शासन-प्रशासन और जनता के बीच भरोसे का रिश्ता और मजबूत होगा। आयुक्त ने बैठक के अंत में कहा —
"हम सबकी जिम्मेदारी है कि जनता की समस्याओं को गंभीरता से लें। शिकायत निवारण केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि सेवा का एक महत्वपूर्ण रूप है।"

 रिपोर्टर : राजेश कुमार जायसवाल 

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