गाउट के दौरे के कारण लक्षण और उपचार, जाने
गाउट के दौरे में जोड़ों में तेज दर्द होता हैं, जो अचानक आता हैं और बहुत दर्दनाक हो सकता हैं .गाउट के दौरे पड़ने से प्रभावित जोड़ में सूजन और लालिमा आ जाती हैं, जिससे जोड़ गर्म और सख्त महसूस होता हैं.जोड़ में जकड़न महसूस हो सकती हैं, जिससे जोड़ को हिलाना-डुलाना मुश्किल हो जाता हैं. गाउट के दौरे में बुखार भी आ सकता हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के कारण होता हैं.
गाउट के कारण
गाउट का मुख्य कारण शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता हैं. यह तब होता हैं जब शरीर में यूरिक एसिड का निर्माण अधिक होता हैं या इसका निष्कासन कम होता हैं. इसके अलावा, आहार में मांस, मछली और अल्कोहल का अधिक सेवन करने से यूरिक एसिड बढ़ सकता हैं. वंशानुगत कारण भी गाउट के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. मोटापे, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और किडनी की समस्याएं भी गाउट के खतरे को बढ़ा सकती हैं. इसके अलावा, हार्मोनल परिवर्तन, विटामिन और मिनरल की कमी और उम्र बढ़ने से भी गाउट का खतरा बढ़ सकता हैं.
गाउट के लक्षण
गाउट के दौरे में जोड़ों में तेज दर्द होता हैं, जो अचानक आता हैं और बहुत दर्दनाक हो सकता हैं. प्रभावित जोड़ में सूजन और लालिमा आ जाती हैं, जिससे जोड़ गर्म और सख्त महसूस होता हैं. जोड़ में जकड़न महसूस हो सकती हैं, जिससे जोड़ को हिलाना-डुलाना मुश्किल हो जाता हैं.गाउट के दौरे में बुखार भी आ सकता हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया के कारण होता हैं. इसके अलावा, थकान, कमजोरी, जोड़ों में गर्मी और सख्ती और जोड़ों की गति में कमी भी महसूस हो सकती हैं. प्रभावित जोड़ के आसपास की त्वचा लाल और सूजन वाली हो सकती हैं.
उपचार
गाउट का इलाज दवाओं, आहार परिवर्तन और जीवनशैली में बदलाव से किया जाता हैं. दर्द निवारक दवाएं और यूरिक एसिड कम करने वाली दवाएं गाउट के दौरों को रोकने में मदद करती हैं.आहार में मांस, मछली और अल्कोहल का सेवन कम करना और विटामिन सी और डी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाना लाभकारी होता हैं. नियमित व्यायाम, वजन कम करना और तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान करना भी फायदेमंद हैं. प्राकृतिक उपचार जैसे अदरक, हल्दी, ग्रीन टी और एप्पल साइडर विनेगर का उपयोग भी किया जा सकता हैं. गाउट के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से आवश्यक संपर्क करना चाहिए .
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