जाने कब और क्यों मनाई जाती गोवर्धन पूजा ?
गोवर्धन पूजा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार हैं, जो भगवान कृष्ण की विजय और उनके दिव्य प्रेम का प्रतीक हैं. यह त्योहार दीपावली के एक दिन बाद मनाया जाता हैं, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को पड़ता हैं.गोरवर्धन पूजा के दिन, लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं, और उनके दिव्य कार्य को याद करते हैं.इस दिन, लोग अपने घरों में गोरवर्धन पर्वत का चित्र बनाते हैं, और उसकी पूजा करते हैं. यह त्योहार हमें याद दिलाता हैं कि भगवान ही सब कुछ हैं, और हमें उनके प्रति श्रद्धा और समर्पण रखना चाहिए.
गोवर्धन पूजा के पीछे की कथा
गोवर्धन पूजा के पीछे की कथा यह हैं कि , भगवान कृष्ण ने इंद्र देवता के प्रति लोगों की अंधश्रद्धा को दूर करने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाया था. उस समय, इंद्र देवता वर्षा करने वाले देवता माने जाते थे, और लोग उनकी पूजा करते थे. लेकिन भगवान कृष्ण ने बताया कि प्रकृति के सभी तत्व, जैसे कि वर्षा, पवन हवा, और भूमि, भगवान के ही स्वरूप हैं.
हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का महत्व
गोवर्धन पूजा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार हैं, जो भगवान कृष्ण की विजय और प्राकृतिक तत्वों की पूजा के लिए मनाया जाता हैं.गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण की विजय का प्रतीक हैं, जब उन्होंने इंद्र देवता के प्रति लोगों की अंधश्रद्धा को दूर किया था. गोवर्धन पूजा प्राकृतिक तत्वों की पूजा का त्योहार हैं, जिसमें लोग भूमि, जल, वायु, अग्नि और आकाश के लिए पूजा करते हैं गोवर्धन पूजा के दिन, लोग अन्नकूट की पूजा करते हैं, जिसमें भगवान कृष्ण के लिए विविध प्रकार के खाद्य पदार्थों की पूजा की जाती हैं.गोवर्धन पूजा सामाजिक एकता का त्योहार हैं, जिसमें लोग एकत्र होकर भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं.गोवर्धन पूजा का धार्मिक महत्व भी बहुत अधिक हैं, क्योंकि यह त्योहार हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों को याद दिलाता हैं.इसलिए गोवर्धन पूजा मनाई जाती हैं.
कब हैं गोवर्धन पूजा?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 1 नवंबर 2024 को शाम 06 बजकर16 मिनट से हो रहा हैं,और इसका समापन अगले दिन 2 नवंबर को रात 08 बजकर 21 मिनट पर होगा.ऐसे में उदयातिथि के आधार पर गोवर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा.
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