गोवर्धन असरानी का निधन: 'शोले' के जेलर के किरदार को याद करते हुए डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने खोले राज

वेटरन अभिनेता गोवर्धन असरानी का 20 अक्टूबर को निधन हो गया। उनके देहांत से हिंदी सिनेमा में एक बड़ा शोक छा गया है। असरानी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे यादगार हास्य कलाकारों में से एक थे और उनकी अदाकारी ने दर्शकों के दिलों में हमेशा के लिए जगह बनाई।

असरानी को सबसे ज्यादा पहचान मिली 1975 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ में जेलर की भूमिका से। इस किरदार ने उन्हें अमर कर दिया और दर्शकों के बीच उनकी छवि हमेशा के लिए मजबूत बनी। इस बारे में फिल्म के निर्देशक रमेश सिप्पी ने कहा कि असरानी को यह किरदार निभाने के लिए ही जन्मा गया था। उन्होंने आगे बताया कि फिल्म के लेखक सलीम-जावेद ने जब जेलर के किरदार के बारे में सोचा, तो उनके जहन में सिर्फ असरानी का नाम आया।

रमेश सिप्पी ने साझा किया कि फिल्म में जेलर का किरदार हिटलर से प्रेरित था, और असरानी ने इसमें अपने कॉमिक टाइमिंग और विशेष अंदाज से जान डाल दी। सिप्पी ने कहा, “असरानी ने अपने अभिनय करियर में अनेक यादगार किरदार निभाए, लेकिन शोले में जेलर के रोल के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। यह किरदार उनके लिए बनाया गया था।”

गोवर्धन असरानी के जीवन और निधन की जानकारी
असरानी की उम्र 84 साल थी और पिछले दो सप्ताह से वे सांस लेने की समस्या से जूझ रहे थे। उनके मैनेजर ने जानकारी दी कि इसी कारण उनका निधन हुआ। उनके निधन की खबर से फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

गोवर्धन असरानी का योगदान
असरानी सिर्फ शोले के जेलर के लिए ही नहीं बल्कि हिंदी सिनेमा के कई अन्य यादगार किरदारों के लिए भी जाने जाते हैं। उनकी अदाकारी, हास्य और कमाल की कॉमिक टाइमिंग ने दर्शकों का दिल जीत लिया। उनके निधन से बॉलीवुड में खालीपन जरूर महसूस हो रहा है।


गोवर्धन असरानी ने अपने पूरे जीवन में फिल्म इंडस्ट्री को समर्पित किया और उन्होंने हमेशा यादगार किरदार निभाए। उनका जाना हिंदी सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

 

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