सूरत के न्यू सिविल अस्पताल से 72वाँ अंगदान

नवसारी : सूरत के न्यू सिविल अस्पताल में ब्रेन डेड मामलों में सबसे ज़्यादा अंगदान किया जा रहा है। सूरत के पांडेसरा में रहने वाले 41 वर्षीय राजूभाई चौधरी, जो ब्रेन डेड थे, के अंगदान से तीन ज़रूरतमंद मरीज़ों को नया जीवन मिलेगा। यह न्यू सिविल अस्पताल से 72वाँ अंगदान है।

मूल रूप से बिहार के रहने वाले और सूरत के पांडेसरा इलाके के हरिओमनगर में अपने तीन बच्चों और पत्नी के साथ रहने वाले राजूभाई शिवपूजन चौधरी 26 जुलाई की शाम को सचिन जीआईडीसी कंपनी में काम करते समय बेहोश हो गए। सिर के पिछले हिस्से में चोट लगने के कारण वे बेहोश हो गए। उन्हें 108 इमरजेंसी द्वारा नवी सिविल लाया गया। जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद उनकी हालत में सुधार हुआ और उन्हें घर ले जाया गया। 27 जुलाई की शाम को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 108 इमरजेंसी द्वारा फिर से नवी सिविल लाया गया। जहाँ उपचार के बाद उन्हें आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया।

31 जुलाई की सुबह, आरएमओ डॉ. केतन नायक, प्लास्टिक सर्जन डॉ. नीलेश कछड़िया, न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. जय पटेल, न्यूरोसर्जन डॉ. केयूर प्रजापति ने राजूभाई को ब्रेन डेड घोषित कर दिया।

सोटो की टीम के आरएमओ डॉ. केतन नायक, गुजरात नर्सिंग काउंसिल के उपाध्यक्ष इकबाल कड़ीवाला, काउंसलर निर्मला कथुड़ ने राजूभाई की पत्नी और भाई को अंगदान का महत्व समझाया। परिवार ने अंगदान के इस नेक कार्य के लिए सहमति देकर मानवता का फर्ज निभाया। अंगदान की प्रक्रिया पत्नी, भाई, बच्चों सहित परिवार की सहमति से की गई। दो किडनी और लिवर अहमदाबाद के आईकेडीआरसी अस्पताल ले जाए गए।

नवी सिविल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. धारित्री परमार के मार्गदर्शन में चिकित्सा एवं नर्सिंग स्टाफ, सुरक्षा कर्मचारी, सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ सजग स्वयंसेवकों ने अंगदान में कड़ी मेहनत की।

रिपोर्टर : तार मोहम्मद मेमन 

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