बालों की खूबसूरती के पीछे छिपा है भयंकर लाइलाज रोग

आजकल के फैशन और सुंदरता के दौर में बालों की देखभाल के लिए सैलून ट्रीटमेंट्स बेहद पॉपुलर हो गए हैं. हाल ही में कुछ अध्ययन और रिपोर्ट्स ने चेतावनी दी है कि कुछ सैलून ट्रीटमेंट्स, खासकर हेयर स्ट्रेटनिंग, पार्लर में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स, और अन्य ब्यूटी ट्रीटमेंट्स से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इनमें से कुछ प्रमुख सैलून ट्रीटमेंट्स में फॉर्मलडिहाइड और उसके जैसे खतरनाक रसायन शामिल होते हैं, जिनका अधिक मात्रा में संपर्क स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

कैंसर से जुड़ी समस्याएं

फॉर्मलडिहाइड

यह एक रसायन है जो कई हेयर स्ट्रेटनिंग और सीधी करने वाली प्रक्रियाओं में पाया जाता है। इसे त्वचा, आंखों और श्वसन प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव डालने के लिए जाना जाता है, और लंबे समय तक इसके संपर्क में आने से हृदय और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

सैलून में वेंटिलेशन की कमी

जब पार्लर में पर्याप्त वेंटिलेशन नहीं होता है, तो केमिकल्स का वायुमार्ग द्वारा अवशोषण अधिक हो सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इससे विशेष रूप से सैलून कर्मचारियों के लिए जोखिम अधिक हो सकता है।

कैंसर के जोखिम के संकेत

लंबे समय तक हेयर स्ट्रेटनिंग और अन्य केमिकल ट्रीटमेंट्स से त्वचा पर जलन, खुजली और एलर्जी हो सकती है।
सांस लेने में कठिनाई और सिरदर्द जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं, जो अधिक गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों का संकेत हो सकती हैं।

क्या करें?

स्मार्ट चॉइसेस

सैलून से इन केमिकल्स के बारे में जानकारी प्राप्त करें और ऐसे उत्पादों का चुनाव करें जो प्राकृतिक और ऑर्गेनिक हों।

सावधानी
अगर आप सैलून में ट्रीटमेंट लेने जा रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि वेंटिलेशन अच्छा हो और रसायनों का इस्तेमाल कम से कम हो।

पार्लर से पूछें

किसी भी प्रकार के ट्रीटमेंट से पहले, पार्लर से पूछें कि वे कौन से उत्पाद इस्तेमाल करते हैं और उनमें किसी प्रकार के हानिकारक रसायन तो नहीं हैं।

इन सावधानियों से कैंसर जैसे गंभीर जोखिमों को कम किया जा सकता है, और ब्यूटी ट्रीटमेंट्स का सुरक्षित रूप से आनंद लिया जा सकता है।

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