यहां झड़ते बालों के लिए मांगी जाती है दुआ, गंजेपन से परेशान लोग करते हैं ये अनुष्ठान, कहां है अनोखा मंदिर
वर्तमान समय में बालों का झड़ना दुनियाभर में एक आम लेकिन गंभीर समस्या बन चुका है। बदलती जीवनशैली, तनाव, प्रदूषण और खान-पान की गलत आदतों के कारण युवा से लेकर बुज़ुर्ग तक इस परेशानी से जूझ रहे हैं। ऐसे में जापान का एक अनोखा मंदिर इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में है, जहां लोग सुख-समृद्धि या सफलता के लिए नहीं, बल्कि अपने बालों की सेहत के लिए प्रार्थना करने पहुंचते हैं।
यह खास मंदिर जापान के क्योटो शहर के अराशियामा इलाके में स्थित है, जो अपने प्रसिद्ध बैंबू फॉरेस्ट के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का नाम मिकामी श्राइन (Mikami Shrine) है। अपनी अनोखी मान्यता और परंपराओं के कारण यह मंदिर अब दुनियाभर के लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। यहां श्रद्धालु झड़ते बालों, गंजेपन और बालों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना लेकर आते हैं।
मिकामी श्राइन की स्थापना वर्ष 1960 में की गई थी। यह मंदिर फुजीवारा उनेमेनोसुके मसायुकी को समर्पित है, जिन्हें जापान का पहला हेयरड्रेसर माना जाता है। मान्यता है कि उन्होंने अपने समय में बालों की देखभाल और हेयरड्रेसिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया था। उनके सम्मान में जापान में आज भी सदियों पुरानी परंपरा निभाई जाती है, जिसके तहत हर महीने की 17 तारीख को उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर कई नाई और हेयर सैलून अपनी दुकानें बंद रखते हैं। इसी कारण आज भी बड़ी संख्या में बार्बर, हेयर स्टाइलिस्ट और ब्यूटीशियन इस मंदिर में आकर आशीर्वाद लेते हैं।
हाल ही में यह मंदिर तब और ज्यादा चर्चा में आ गया, जब मशहूर ट्रैवलर और कंटेंट क्रिएटर शर्विन अब्दोलहामिदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर यहां का अनुभव साझा किया। शर्विन खुद बाल झड़ने की समस्या से परेशान हैं और इसी वजह से वे मिकामी श्राइन पहुंचे। उन्होंने यहां होने वाले एक खास शिंतो अनुष्ठान में हिस्सा लिया, जिसे “कम्पात्सु” कहा जाता है।
इस अनुष्ठान की प्रक्रिया भी काफी अनोखी है। सबसे पहले श्रद्धालु को मंदिर परिसर से एक विशेष लिफाफा खरीदना होता है। उस लिफाफे पर वह अपना नाम और जन्मतिथि लिखता है। इसके बाद शिंतो पुजारी श्रद्धालु के बालों की एक छोटी-सी लट काटते हैं और उसे उसी लिफाफे में रख देते हैं। फिर पुजारी बालों के अच्छे स्वास्थ्य, मजबूती और वृद्धि के लिए विशेष प्रार्थना करते हैं।
माना जाता है कि इस अनुष्ठान से बालों से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है और बाल स्वस्थ रहते हैं। यही कारण है कि आज न केवल जापान, बल्कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लोग इस मंदिर में पहुंचकर अपने बालों की सेहत के लिए आस्था प्रकट कर रहे हैं। मिकामी श्राइन अब आस्था, परंपरा और आधुनिक जीवन की समस्याओं का एक अनोखा संगम बन चुका है।

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