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विद्यार्थियों के सपनों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी,नया भवन बनाए बिना तोड़ा जा रहा स्कूल,छात्रों को भेजा गया दूसरे स्कूल

हजारीबाग : जिला के केरेडारी प्रखंड में एनटीपीसी माइनिंग कंपनी सहयोगी ऋतिक खनन कंपनी कर रही है सारे नियमों का ताक पर रखकर कर रही सारा कार्य कोयला उत्खनन के कारण केरेडारी में विस्थापन एक बड़ी समस्या है. जब विद्यालय ही अतिक्रमित हो जाए और तोड़ने की बात सामने आए तो यह सवाल उठाना जायज है कि बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी. दरअसल यह स्थिति जिले के केरेडारी प्रखंड अंतर्गत पचराहा (पचड़ा) ग्राम पंचायत के जोरदाग गांव में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय कू है. जहां सरकारी विद्यालय को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।  

दूसरे विद्यालय को भी हटाने की बात चल रही है

छात्रों को दूसरे जगह पढ़ने के लिए हस्तांतरित करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी ने नोटिस जारी कर दिया है. नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि 17 जून (मंगलवार) से राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय जोरदाग के सभी शिक्षक नव प्राथमिक विद्यालय आगर टोला जा रहे हैं. जिस विद्यालय में छात्रों को हस्तांतरित किया जा रहा है, वहां भी पर्याप्त जगह नहीं है. ऐसे में नौनिहालों का भविष्य अधर पर लटका दिख रहा है. वहीं एक बात और महत्वपूर्ण है कि जिला प्रशासन ने छात्रों को जिस विद्यालय में हस्तांतरित किया है वह विद्यालय चंद्रगुप्त खनन परियोजना के अंतर्गत आता है. वहां भी विद्यालय हटाने की बात चल रही है।  

शिक्षा हमारी प्राथमिकता हैः उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह

स्थानीय ग्रामीण भी इस बात को लेकर परेशान हैं कि उनके नौनिहाल कहां शिक्षा प्राप्त करेंगे. सोमवार को बच्चे विद्यालय गए थे. मंगलवार को नोटिस लगाने के बाद नए विद्यालय में छात्र और शिक्षक गए. वहां बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाए और अब सभी इस बात को लेकर परेशान हैं कि आगे क्या स्थिति बनेगी. इस पूरे प्रकरण में हजारीबाग के उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह ने कहा है कि इस मामले के समाधान को लेकर उत्खनन करने वाली कंपनी के साथ उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है. बहुत जल्द समस्या का समाधान कर लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा प्राथमिकता है।  

नया स्कूल अभी तक नहीं बना

दरअसल पांडू गांव में दो साल पहले स्कूल भवन गिरा दिया गया था, लेकिन नया स्कूल आज तक नहीं बन पाया. नाराज ग्रामीणों ने रविवार को विद्यालय परिसर के बाहर धरना दिया और चेतावनी दी कि जब तक नया स्कूल तैयार नहीं होता, एक भी ईंट नहीं हटाई जाएगी।  

विद्यालय में छात्रों की सुरक्षा को खतरा है- कंपनी

जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर, केरेडारी प्रखंड के पचड़ा पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय जोरदाग को लेकर इन दिनों विवाद खड़ा हो गया है।   ऋत्विक कंपनी द्वारा विद्यालय भवन तोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जबकि नया भवन अब तक बना ही नहीं है।   यह विद्यालय अब कंपनी के कोयला खनन सीमा में आता है।  

कंपनी का तर्क है कि विद्यालय खनन क्षेत्र से मात्र 100 मीटर की दूरी पर है, जिससे छात्रों की सुरक्षा को खतरा है. ग्रामीणों का कहना है कि जब भूमि अधिग्रहण हुआ था, तब कंपनी और प्रशासन ने यह वादा किया था कि पहले नया भवन बनेगा, उसके बाद ही पुराना विद्यालय हटाया जाएगा. अब उल्टा हो रहा है।  पुराना स्कूल तोड़ा जा रहा है, लेकिन नया कहीं नहीं दिख रहा। 

जिस स्कूल में शिफ्ट करने की योजना है, वहांं अत्यधिक छात्र पहले से हैं

ग्रामीणों के अनुसार, बच्चों को पास के चंद्रगुप्त विद्यालय में शिफ्ट करने की योजना है, लेकिन वह विद्यालय पहले से ही अत्यधिक छात्रों से भरा है. न तो पर्याप्त कमरे हैं और न ही फर्नीचर. अहम बात यह है कि सीसीएल की चंद्रगुप्त परियोजना के जीएम ने भी अपने क्षेत्र में इस विद्यालय को स्थानांतरित करने का आवेदन जिला प्रशासन को दिया है।  

रिपोर्टर : सुनील कुमार ठाकुर 

 

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