हनुमान चालीसा की रचना किसने की और जाने इसे पढ़ने के फायदे

हनुमान जी हिंदू धर्म में एक सबसे बलवान और ताकतवर देवता माने जाते  हैं, जिन्हें भगवान राम के सबसे वफादार भक्त और सेवक के रूप में जाना जाता हैं.हनुमान जी का जन्म अंजना, एक अप्सरा के गर्भ से हुआ था.उनके पिता वायु देवता थे, जिन्होंने उन्हें शक्ति और साहस का वरदान दिया था.हनुमान चालीसा एक पवित्र और शक्तिशाली स्तोत्र हैं, जिसे भगवान हनुमान की भक्ति और समर्पण के लिए पढ़ा जाता हैं. हनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई हैं.हनुमान चालीसा की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने भगवान हनुमान की भक्ति और समर्पण के लिए की थी.इसमें 40 छंद हैं, जिनमें भगवान हनुमान की शक्ति, भक्ति और समर्पण का वर्णन किया गया हैं.हनुमान चालीसा का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक हैं. यह भगवान हनुमान की भक्ति और समर्पण का प्रतीक हैं.इसके पाठ से भगवान हनुमान की कृपा और शक्ति प्राप्त होती हैं.

हनुमान चालीसा की रचना 16वीं शताब्दी में गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा की गई थी. अधिकांश विद्वानों का मानना हैं कि इसकी रचना 1574-1575 ईस्वी के बीच हुई थी.गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा की रचना भगवान हनुमान की भक्ति और समर्पण के लिए की थी, और इसमें 40 छंद हैं, जिनमें भगवान हनुमान की शक्ति, भक्ति और समर्पण का वर्णन किया गया हैं.

हनुमान चालीसा के फायदे
1. हनुमान चालीसा पढ़ने से भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती हैं.
2. हनुमान चालीसा पढ़ने से शक्ति और साहस में वृद्धि होती हैं.
3. हनुमान चालीसा पढ़ने से मन की शांति और स्थिरता मिलती हैं.
4. हनुमान चालीसा पढ़ने से भगवान राम की भक्ति में मदद मिलती हैं.

रामायण में भूमिका
हनुमान जी ने रामायण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं.जब भगवान राम की पत्नी सीता को रावण ने अपहरण किया था तो हनुमान जी ने भगवान राम की सेवा में उनकी खोज में मदद की थी. उन्होंने लंका में सीता की खोज की और भगवान राम को उनकी स्थिति की जानकारी दी थी .

हनुमान जी का पसंदीदा भोग 
वैसे तो हनुमान जी अपने भक्तो द्वारा लगाये गए सभी भोग को प्रेम से ग्रहण कर लेते हैं. लेकिन अगर हम हनुमान जी के पसंदीदा भोग की बात करे तो लड्डू, चोला (चना), फल जैसे कि केला, आम, और अनार, मिष्ठान्न जैसे कि जलेबी, बर्फी, और लड्डू, पान, और गुड़ और चना का मिश्रण हनुमान जी को प्रिय हैं . सिंदूर भी हनुमान जी को बहुत पसंद हैं, इसलिए अक्सर मंदिरों में सिंदूर का भोग लगाया जाता हैं.इन भोगों को लगाने से हनुमान जी की कृपा और शक्ति प्राप्त होती हैं. यह भोग हनुमान जी को प्रस
न्न करने के लिए और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए लगाए जाते हैं. 

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