"राष्ट्र वंदना" पर गोष्ठी हुई संपन्न

हरियाणा : पंचकूला  4 सितम्बर 22 (चंद्रकांत स पुजारी) केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में  "राष्ट्र वंदना" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन ।  कोरोना काल में 438 वां वेबिनार। संगोष्ठि के मुख्य वक्ता डॉ.नरेंद्र आहूजा विवेक (राष्ट्रीय बोधिकाध्यक्ष केंद्रीय आर्य युवक परिषद) व (पूर्व राज्य औषधि नियन्त्रक हरियाणा) ने अथर्ववेद के पृथ्वी सूक्त के मन्त्र का उद्धरण देते हुए बताया कि हमारा राष्ट्र ऋषियों की दीक्षा एवं तप की उत्पत्ति है।

हमारे राष्ट्र की सनातन संस्कृति वैदिक संस्कृति है। यह वेद वाणी ईश्वर की वाणी कल्याणी वाणी है और  ऋषि मुनियों ने लोक कल्याण की भावना से अपने तप और दीक्षा द्वारा इस राष्ट्र का निर्माण किया। इस राष्ट्र माता की वंदना के लिए हमें अपने अखंड भारत का संकल्प लेना होगा। अखंड भारत का निर्माण सम्राट चन्द्र गुप्त मौर्य ने आचार्य चाणक्य के मार्गदर्शन में किया था। इसमें आज के अफगानिस्तान, पाकिस्तान, पाक अधिकृत कश्मीर, अक्साई चिन, तिब्बत, भूटान, सिक्किम, बंगलादेश, बर्मा, श्रीलंका आदि अन्य सभी देश शामिल हैं। किसी भी संस्कार को करवाने से पूर्व पुरोहित जम्बुद्वीपे, भरत खण्डे, आर्यवृतदेशान्तर्गते बोल कर हमारे अखण्ड भारत राष्ट्र की सीमाओं को परिभाषित करता है।  पूर्ण स्वाधीनता के प्रथम उद्घोष के साथ देव दयानन्द ने अखण्ड स्वाधीन भारत की परिकल्पना की।

कई इतिहास कारों ने स्वाधीनता के इतिहास को लिखते समय स्वीकार किया कि स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले स्वाधीनता सेनानी आर्य समाज की विचारधारा और कालजयी ग्रन्थ क्रन्तिकारियों की गीता सत्यार्थ प्रकाश को पढ़ कर दी। इसकी वर्तमान परिकल्पना वीर सावरकर ने अपनी पुस्तक में की।आज यदि हम राष्ट्र वन्दना करना चाहते हैं तो हमें अखण्ड भारत का संकल्प लेना होगा।

मुख्य अतिथि जितेंद्र चावला (निदेशक विजय हाई स्कूल सोनीपत) व अध्यक्ष डॉ.गजराजसिंह आर्य (प्रधानाचार्य,श्रद्धा मन्दिर स्कूल फरीदाबाद) ने कहा कि राष्ट्र वंदना यानी राष्ट्र के लिए जीना व राष्ट्र के लिए मरना।नयी पीढ़ी में राष्ट्र भक्ति की भावना भरने पर जोर दिया।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने आह्वान किया कि जिस मिट्टी में हम खा पीकर बड़े हुए हैं उसके प्रति निष्ठावान रहना ही कर्तव्य है। राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि आर्य समाज राष्ट्र वादी विचारों का प्रसारक है। गायिका कुसुम भंडारी,प्रवीना ठक्कर,रविन्द्र गुप्ता,सुदर्शन चौधरी,शोभा बत्रा,कमला हंस, कमलेश चांदना,ईश्वर देवी,सरला बजाज,संतोष सांची,रजनी गर्ग  रजनी चुघ,जनक अरोड़ा आदि के मधुर भजन हुए I

 

रिपोर्टर :  चंद्रकांत सी पूजारी 

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