साल में सिर्फ एक बार दिवाली पर खुलता हैं यह मंदिर! जाने रहस्या

हसनंबा मंदिर कर्नाटक के हासन जिले में स्थित एक प्राचीन हिंदू मंदिर हैं. यह 12वीं शताब्दी में बनाया गया था और हसनंबा मंदिर माँ शक्ति या अम्बा को समर्पित हैं. यह मंदिर हासन शहर से 10 किमी दूर हैं और बैंगलोर से 180 किमी और मैसूर से 120 किमी दूर हैं. यहाँ आने वाले श्रद्धालु माँ अम्बा की पूजा-अर्चना करते हैं और मंदिर की सुंदरता का आनंद लेते हैं. हसनंबा मंदिर अपनी प्राचीनता, सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं.
हसनंबा मंदिर की विशेषता
हसनंबा मंदिर हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं, जहाँ विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और पूजाएँ आयोजित की जाती हैं. यह मंदिर कर्नाटक के इतिहास और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो अपनी प्राचीनता, सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं. यहाँ की यात्रा एक अनोखा अनुभव प्रदान करती हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान प्रदान करती हैं.इस मंदिर की एक विशेषता यह हैं कि यह केवल दीपावली के अवसर पर एक साल में एक बार खुलता हैं, जो इसे और भी खास बनाता हैं. मंदिर के चारों ओर हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य हैं, जो श्रद्धालुओं को शांति और ध्यान का अनुभव कराता हैं. यहाँ माँ अम्बा की सुंदर प्रतिमा स्थापित हैं, जो श्रद्धालुओं की भक्ति और आराधना का केंद्र हैं.
हसनंबा मंदिर में होने वाले चमत्कार
हासन जिले में स्थित हसनंबा मंदिर दिवाली के दिन सिर्फ एक बार खुलता हैं , तब यहाँ एक दीप जलाया जाता हैं और भगवान को ताजे पुष्प अर्पित किए जाते हैं और प्रसाद चढ़ाया जाता हैं.साल भर बाद जब पुनः इस मंदिर का पट खोला जाता हैं , तब भी दीपक जलता हुआ ही पाया जाता हैं. माता को अर्पित किए गए पुष्प ताजी अवस्था में मिलते हैं और प्रसाद के रूप में अर्पित किया गया पकाया चावल भी पवित्र रूप में मिलता हैं.
साल में सिर्फ एक बार क्यों खुलता है मंदिर?
हसनंबा मंदिर साल में सिर्फ एक बार दीपावली के अवसर पर खुलता हैं, जिसके पीछे कई पौराणिक, धार्मिक और ऐतिहासिक कारण हैं. माना जाता हैं कि देवी अम्बा दीपावली के दिन पृथ्वी पर अवतरित हुईं थीं, इसलिए इस दिन उनकी शक्ति की उपासना की जाती हैं. दीपावली को आध्यात्मिक ज्ञान और आत्म-शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता हैं, और इस मंदिर में पारंपरिक अनुष्ठान और पूजाएँ आयोजित की जाती हैं.इस मंदिर का एक बार खुलना इसकी विशिष्टता और धार्मिक महत्व को दर्शाता हैं. श्रद्धालुओं का विश्वास हैं कि दीपावली पर देवी अम्बा की कृपा प्राप्त होती हैं, इसलिए वे इस दिन मंदिर में पूजा-अर्चना करने आते हैं.यह मंदिर की ऐतिहासिक परंपरा हैं, जो पीढ़ियों से चली आ रही हैं. हसनाम्बा मंदिर की यह विशेषता इसे कर्नाटक के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक बनाती हैं.
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