वंश की रक्षा के लिए शुरू की गई थी मां दुर्गा की पूजा। महंथ अखाड़ा चौक में 155 वर्षों से हो रही है मां दुर्गा की पूजा।

विष्णुगढ़ : प्रखंड के महंथ अखाड़ा चौक में लगभग 155 साल पहले महंथ घराने के रामकिशुन दूबे ,पिता स्वर्गीय लेदो दूबे के द्वारा दुर्गा मंदिर का निर्माण कर दुर्गा पूजा की शुरुआत की गई थी।उसी परंपरा को स्व.रामकिशुन दूबे की पीढ़ी के वंशज बखूबी निभाते चले आ रहे हैं। लगभग 155 साल पहले विष्णुगढ़ में चेचक महामारी का रूप ले चुका था। बहुत से लोग इस महामारी की चपेट में आकर काल के गाल में समा गए थे।महंथ घराने के रामकिशुन दूबे के बड़े पुत्र महंथ वासुदेव दास भी इस महामारी की चपेट में आ गए थे।इस बीमारी से उनके एक आंख की रौशनी चली गई। गांव की त्रासदी और अपने पुत्र की मरनासन्न स्थिति को देखते हुए उन्होंने मां दुर्गा की आराधना की और अपने पुत्र के ठीक होने पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर उनकी हर साल पूजा अर्चना करने की मन्नत मांगी।मां दुर्गा की पूजा आराधना करने से पूरे गांव से चेचक महामारी का प्रकोप जाता रहा और उनके पुत्र भी ठीक हो गये। रामकिशुन दूबे ने शीघ्र हीं दुर्गा मां की खपरैल का एक मंदिर का निर्माण कर उनकी मिट्टी की प्रतिमा बनाकर पूजा शुरू की थी। समय के अनुसार उस खपरैल मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया। उनके वंशज आज भी मां दुर्गा की प्रतिमा बनवा कर पूजा अर्चना कर रहे हैं। दुर्गा मंदिर में पूजा पाठ के आयोजनों में उनके वंशज हीं सारे खर्च उठाते हैं। महंथ घराने की दुर्गा पूजा को सफल बनाने में अखाड़ा चौक के दुकानदारों का महत्वपूर्ण सहयोग रहता है।
रिपोर्टर : संदीप मिश्रा विष्णुगढ़
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