अगर मम्मी-पापा को डायबिटीज है, तो आप खतरे में हैं, जानें

अगर आपके माता-पिता को डायबिटीज (मधुमेह) है, तो आपको भी इस बीमारी के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। इसके पीछे कई वैज्ञानिक और आनुवंशिक (genetic) कारण हैं। आइए समझते हैं क्यों आपको सावधानी बरतनी चाहिए:
1. आनुवंशिक जोखिम (Genetic Risk)
डायबिटीज टाइप-2 का सबसे बड़ा जोखिम कारक पारिवारिक इतिहास है।अगर एक माता या पिता को डायबिटीज है, तो आपके लिए खतरा लगभग 40% होता है।अगर दोनों को है, तो यह जोखिम बढ़कर 70-80% तक जा सकता है।
2. जीवनशैली भी चलती है पीढ़ियों में
अक्सर बच्चों की जीवनशैली भी माता-पिता जैसी होती है — जैसे खानपान की आदतें, शारीरिक गतिविधियों की कमी आदि, जिससे डायबिटीज का खतरा और बढ़ जाता है।
3. इंसुलिन रेजिस्टेंस का बढ़ना
परिवार में डायबिटीज होने पर शरीर में इंसुलिन का प्रभाव कम हो सकता है, जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस पैदा होता है — यह डायबिटीज का शुरुआती चरण होता है।
ऐसे में कुछ सावधानियां आपको बरतनी है, आईये जानते हैं क्या कर सकते हैं आप?
नियमित जांच करवाएं
Fasting Blood Sugar, HbA1c जैसी जांच हर 6–12 महीने में कराएं, खासकर अगर उम्र 30 के पार हो गई हो।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
- संतुलित आहार लें (कम चीनी, कम प्रोसेस्ड फूड)
- नियमित व्यायाम करें (कम से कम 30 मिनट/दिन)
- वजन नियंत्रण में रखें
तनाव से बचें
क्रॉनिक स्ट्रेस ब्लड शुगर बढ़ा सकता है। योग, मेडिटेशन मददगार हो सकते हैं।
नींद पूरी लें
खराब नींद से इंसुलिन का असर घट सकता है।
ये कुछ तरीके है जिससे आप डायबिटीज (मधुमेह) जैसी बीमारी के प्रति सतर्क रह सकते है। अगर आपके माता-पिता को डायबिटीज है, तो यह आपके लिए एक चेतावनी की तरह है। हालांकि यह निश्चित नहीं है कि आपको डायबिटीज होगी ही, लेकिन जोखिम काफी ज्यादा होता है। सतर्क रहकर, सही जीवनशैली अपनाकर और समय-समय पर जांच करवाकर आप इस बीमारी से खुद को बचा सकते हैं।
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