अगर जोड़ों में हो रहा है यह दर्द, तो हो जाएं सतर्क

हमारी दिनचर्या, उम्र और खानपान के कारण जोड़ों का दर्द एक आम समस्या बनता जा रहा है। हालांकि कभी-कभी यह दर्द सामान्य थकान या हल्की चोट का नतीजा हो सकता है, लेकिन यदि यह लगातार बना रहे या कुछ विशेष लक्षणों के साथ आए, तो इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।

1. दर्द जो सुबह उठते समय ज्यादा हो

अगर सुबह उठने पर जोड़ों में अकड़न और दर्द महसूस होता है, जो कुछ समय बाद धीमे-धीमे कम होता है, तो यह रूमेटॉइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) का लक्षण हो सकता है। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम अपने ही जोड़ों पर हमला करने लगती है।

2. चलते समय घुटनों में चटचट की आवाज और दर्द

अगर आपके घुटनों से चलते समय आवाज आती है और साथ में दर्द भी महसूस होता है, तो यह ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) का संकेत हो सकता है। यह जोड़ों का घिसाव है जो आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ होता है।

3. अचानक सूजन और गर्माहट

अगर किसी जोड़ में अचानक सूजन, लालिमा और गर्माहट महसूस हो रही है, तो यह गंभीर संक्रमण या गठिया (Gout) जैसी स्थिति का संकेत हो सकता है। इसमें यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है, जिससे जोड़ों में सूजन और तेज दर्द होता है।

4. हाथ-पैरों की उंगलियों में सूजन और टेढ़ापन

अगर उंगलियों में सूजन के साथ-साथ उनकी बनावट भी बदलने लगे, तो यह रूमेटॉइड आर्थराइटिस का एक और लक्षण हो सकता है। ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज करना आपकी स्थायी क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

5. जोड़ों का दर्द रात में बढ़ जाना

अगर आपको रात के समय जोड़ दर्द ज्यादा महसूस होता है और नींद में खलल आता है, तो यह किसी अंदरूनी सूजन या हड्डियों की कमजोरी का संकेत हो सकता है। इसे नजरअंदाज करना आपकी नींद और संपूर्ण स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है।

क्या करें?

चिकित्सकीय सलाह लें: लगातार दर्द बना रहने पर डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
संतुलित आहार लें: विटामिन D, कैल्शियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार जोड़ों के लिए फायदेमंद होते हैं।
नियमित व्यायाम करें: हल्की स्ट्रेचिंग और योग जोड़ों को लचीला बनाए रखते हैं।
वजन नियंत्रित रखें: अधिक वजन जोड़ों पर दबाव बढ़ाता है, जिससे दर्द की समस्या बढ़ सकती है।
धूम्रपान और शराब से बचें: ये दोनों आदतें जोड़ों की सेहत पर बुरा असर डालती हैं।

जोड़ों का दर्द कभी-कभी सामान्य हो सकता है, लेकिन जब यह बार-बार या लगातार हो, तो इसे हल्के में न लें। समय पर पहचान और इलाज न केवल दर्द को कम करता है, बल्कि आपकी जीवनशैली की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाता है।

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