25 मार्च को हैं स्नान - दान और व्रत - पूजा की पूर्णिमा...

Anushri Tiwari
फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत-पूजन, चंद्र अर्घ्य पहले दिन वहीं स्नान-दान उदया तिथि के अनुसार 25 मार्च को होगा. पूर्णिमा मां लक्ष्मी और चंद्रमा को समर्पित है. फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत-पूजन, चंद्र अर्घ्य पहले दिन वहीं स्नान-दान उदयातिथि के अनुसार 25 मार्च को होगा. पूर्णिमा मां लक्ष्मी और चंद्रमा को समर्पित है. फाल्गुन पूर्णिमा रविवार और सोमवार दोनों दिन रहेंगी. पूर्णिमा का दिन हिन्दू धर्म में भट खास माना जाता हैं. हिन्दू मान्यता के अनुसार फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को व्रत रखेने से महापुण्य मिलता हैं. और हर कष्ट दूर होते हैं. इसलिए इस दिन पूजा - व्रत किया जाता हैं. व्रत रखते हुए भागवान विष्णु की विषेश ध्यान कर्ण और सत्यनारायण कथा करने की परंपरा हैं पूर्णिमा 24 मार्च की सुबह करीब 9 बजे से लगेगी और 25 मार्च दोपहर 12 बजे तक रहेंगी. यही वजह 24 को होलिका दहन किया जाएगा. वही 25 मार्च को सूर्योदय के वक़्त स्नान -दान के साथ पूजा - व्रत किया जाएगा. आए जानते हैं. कैसे करे स्नान - दान की विधि.
फाल्गुन पूर्णिमा को स्नान - दान क्यों करते हैं ?
फाल्गुन हिंदू पंचांग का आखिरी महीना होता है. इस महीने का आखिरी दिन पूर्णिमा ही होती है, इसलिए ये खास होता है। विष्णु, मत्स्य, ब्रह्म और नारद पुराण के मुताबिक इसे मन्वादि तिथि भी कहा जाता है। यानी इस दिन दिया गया दान अक्षय पुण्य देने वाला होता है, इसलिए इस दिन तीर्थ स्नान और श्रद्धा के मुताबिक दान देने की परंपरा है।
फाल्गुन पूर्णिमा की पूजा....
1. फाल्गुन पूर्णिमा पर सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करने की परंपरा है। पुराणों में कहा गया है कि ऐसा करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।
2. स्नान के बाद श्रद्धा के हिसाब से दान, व्रत और भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प लिया जाता है।
3. घर में विष्णु भगवान की पूजा के बाद मंदिर में जाकर दर्शन किए जाते हैं। सत्यनारायण कथा का पाठ करवाया जाता है।
4. जरूरतमंद लोगों को भोजन, पानी और कपड़े के साथ ही जरूरी चीजों का दान करना चाहिए।
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