IAS अधिकारी की अंग्रेजी में चूक पर मचा बवाल, सोशल मीडिया पर शुरू हुई बहस,IAS ऑफिसर की मामूली गलती बनी ट्रोलिंग का कारण

हाल ही में एक IAS अधिकारी द्वारा सोशल मीडिया पर की गई एक साधारण अंग्रेज़ी की गलती ने इंटरनेट पर भारी चर्चा छेड़ दी है। UPSC 2025 का रिजल्ट आने के बाद IAS राम प्रकाश ने अपने अनुभव साझा करते हुए एक ऐसा वाक्य लिखा जिसमें व्याकरणिक गलती थी। देखते ही देखते पोस्ट वायरल हो गया और लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।
क्या थी वह गलती?
IAS अधिकारी राम प्रकाश ने अपने X (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर लिखा,
"I didn't told anyone."
जबकि इस वाक्य का सही रूप होना चाहिए था:
"I didn’t tell anyone."
यह एक सामान्य गलती है, लेकिन चूंकि यह एक सिविल सेवा अधिकारी द्वारा की गई थी, इसलिए लोगों का ध्यान तुरंत इस पर गया और सोशल मीडिया पर उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा।
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं
एक यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा, "अगर हमारे देश के IAS अधिकारी की अंग्रेजी का ये स्तर है, तो देश का क्या होगा?"
वहीं, दूसरी ओर कुछ लोगों ने अधिकारी के समर्थन में कहा कि "वह एक अंग्रेज़ी शिक्षक नहीं, बल्कि प्रशासनिक अधिकारी हैं।"
एक और यूजर ने लिखा, "हमारे प्रधानमंत्री भी अंग्रेज़ी में पारंगत नहीं हैं, क्या इसका मतलब ये है कि वे कम योग्य हैं?"
अंग्रेज़ी बनाम योग्यता की बहस
इस पोस्ट ने सिर्फ एक गलती को नहीं, बल्कि एक बड़ी बहस को जन्म दे दिया है। कई लोगों ने इस मुद्दे को भारत में अंग्रेज़ी की भूमिका और प्रशासनिक सेवाओं की प्राथमिकता से जोड़ दिया।
एक यूज़र ने कहा, "सिविल सेवा की वर्तमान प्रणाली औपनिवेशिक विरासत है, हमें इससे बाहर निकलने की जरूरत है।"
दूसरे पक्ष के लोगों का मानना था कि भाषा से ज्यादा ज़रूरी एक अधिकारी की समझदारी, निर्णय लेने की क्षमता और जनसेवा का भाव है।
समर्थन में भी आए कई लोग
कई लोगों ने IAS अधिकारी का समर्थन करते हुए कहा कि "मूल भाषा में पढ़कर भी हजारों उम्मीदवार सफल होते हैं, भाषा की थोड़ी बहुत चूक से किसी की योग्यता कम नहीं हो जाती।"
लोगों ने यह भी तर्क दिया कि एक छोटी सी टाइपो या व्याकरणिक गलती को मजाक का विषय नहीं बनाना चाहिए।
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